सीनियर सीटीजन एक्ट 2017 की पालना नहीं होने पर अवमानना नोटिस

सीनियर सीटीजन एक्ट 2017 की पालना नहीं होने पर अवमानना नोटिस

जयपुर।

सीनियर सीटीजन की सुरक्षा और उनकी देखभाल को लेकर बनाए गये सीनियर सीटीजन एक्ट 2007 की पालना के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश की पालना नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर हुई है। जिस पर न्यायालय ने याचिका की प्रति एएजी को दिलवाते हुए चार अगस्त तक जवाब मांगा है।
लोक उत्थान संस्थान ने अवमानना याचिका दायर कर कहा कि देश में सीनियर सीटीजन की सुरक्षा और उनके सामाजिक कल्याण के लिए सीनियर सीटीजन एक्ट लागू किया गया है। जिसमें वर्ष 2018 में कई प्रावधान जोड़े गए हैं। इस संबंध में दायर जनहित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने 5 मई को 2018 को राज्य सरकार को इस एक्ट की पालना के आदेश दिए थे। न्यायालय ने इसके लिए सरकार को 1 साल का वक्त दिया था। लेकिन राज्य सरकार ने एक साल की समयअवधि गुजर जाने के बाद भी अब तक इस एक्ट के प्रावधानों की पालना नही की है। एक्ट के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश के सभी जिलो में वृद्धाश्रमों का निर्माण किया जाना था। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिक केयर होम का निर्माण किया जाना था। जिस पर मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहान्ती और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने राज्य सरकार, राज्य के प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, पुलिस महानिदेशक और जेडीसी को अवमानना नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता सी एल सैनी को याचिका की प्रति देते हुए 4 अगस्त केस को सूचीबद्ध करने के भी निर्देश दिये है
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