कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे को लेकर भाजपा ने सरकार को घेरा है। भाजपा नेताओं ने कहा है कि इस इस्तीफे से एक बार फिर कांग्रेस का अंतर्विरोध सामने आ गया है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस में दो ग्रुप बने होंगे वो अलग बात है, लेकिन चौधरी ने हमेशा विधानसभा में सच्चाई को बयान किया है। उन्होंने विधानसभा में अपने मन की पीड़ा को सदन में रखा था। उन्होंने कहा था कि मुझसे कोई नाराजगी है तो मुझे सजा दो, मेरी जनता को सजा मत दो। मेरी जनता ने जनसेवा के लिए मुझे विधायक बनाया है। मगर उसकी पालना नहीं हुई। ऐसे बिरले ही विधायक होंगे जिन्होंने जनता के लिए अपना इस्तीफा दे दिया हो।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस का अंतर्विरोध सामने आ ही गया। हेमाराम चौधरी का इस्तीफा इस बात का द्योतक हैं कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो गया है। सरकार के जहाज के पैंदे में सुराख हो गया है, इस्तीफे के बाद पानी भरना शुरु हो गया है। जहाज स्वत: ही कब डूब जाएगा पता नहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नाम की सरकार है काम की नहीं। कोरोना के प्रबंधन में सरकार विफल रही है। कांग्रेस में अधिनायकवाद इतना पनप गया कि वरिष्ठ विधायक की लगातार अनदेखी की गई और उन्हें मजबूरन अपना इस्तीफा देना पड़ा। चौधरी ने इस्तीफा सीधे स्पीकर को भेजा है। यह इस्तीफे का नाटक नहीं हैं। अध्यक्ष के पास उसे स्वीकार करने के अलावा कोई चारा नहीं है।