राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Election 2018) के दौरान वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की राजस्थान गौरव यात्रा को लेकर याचिका दाखिल करने वाले वकील विभूति भूषण एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। विभूति भूषण शर्मा (Vibhuti Bhushan Sharma) ने चुनावों के दौरान कोर्ट के जरिए भाजपा को बड़ा झटका दिया था। कांग्रेस सरकार बनते ही एडवोकेट शर्मा एक बार फिर से चर्चा में छाए हुए हैं।
प्रदेश की Ashok Gehlot सरकार ने एडवोकेट विभूति भूषण को तोहफा दिया है। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सीएम अशोक गहलोत को विभूति भूषण सहित 9 जनों को अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद पर नियुक्त किया है। लेकिन, सबसे खास नाम विभूति शर्मा का बना हुआ है, जिस पर सियासी चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है।
गहलोत सरकार ने 9 अतिरिक्त महाधिवक्ताओं की नियुक्त की है। इनमें मेजर आर.पी. सिंह, गणेश मीणा, राजेश महर्षि, सत्येन्द्र राघव, विभूति भूषण शर्मा, चिरंजीलाल सैनी, शीतल मिर्धा, गणेश परिहार व अनिल मेहता को राज्य का अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया है।
राजे की राजस्थान गौरव यात्रा को हाईकोट में दी थी चुनौती
एडवोकेट विभूति भूषण शर्मा ने विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा को हाईकोर्ट में चुनौती थी। उन्होंने इस याचिका में कहा था कि वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के दौरान सरकारी धन के साथ मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने चुनाव के बीच में ही भाजपा सरकार को बड़ा झटका दिया था। कोर्ट ने कहा था कि राजस्थान गौरव यात्रा के साथ किसी भी तरह का सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा और यात्रा वाले दिन सरकार के नाम पर कोई भी आयोजन नहीं होगा। कोर्ट के इस फैसले को कांग्रेस ने चुनाव के दौरान भी खूब भुनाया था। ऐसे में अब माना जा रहा है कि गहलोत सरकार ने अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में उन्हें तोहफा दिया है।
एडवोकेट विभूति भूषण शर्मा ने विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा को हाईकोर्ट में चुनौती थी। उन्होंने इस याचिका में कहा था कि वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के दौरान सरकारी धन के साथ मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने चुनाव के बीच में ही भाजपा सरकार को बड़ा झटका दिया था। कोर्ट ने कहा था कि राजस्थान गौरव यात्रा के साथ किसी भी तरह का सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा और यात्रा वाले दिन सरकार के नाम पर कोई भी आयोजन नहीं होगा। कोर्ट के इस फैसले को कांग्रेस ने चुनाव के दौरान भी खूब भुनाया था। ऐसे में अब माना जा रहा है कि गहलोत सरकार ने अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में उन्हें तोहफा दिया है।