ओलावृष्टि प्रभावितों किसानों को जल्द दें सहायता, खाद बीज की नहीं आए कोई दिक्कत – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Chief minister Ashok Ghelot ) ने कहा है कि प्रदेश में गेहूं ( wheat ) , सरसों ( Musterd ) और चना की न्यूनतम समर्थन मूल्य ( Minimum Support Price ) पर खरीद के तय लक्ष्यों को हर हाल में हासिल किया जाए।

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जयपुर

Chief minister Ashok Ghelot : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Chief minister Ashok Ghelot ) ने कहा है कि प्रदेश में गेहूं ( wheat ) , सरसों ( Musterd ) और चना की न्यूनतम समर्थन मूल्य ( Minimum Support Price ) पर खरीद के तय लक्ष्यों को हर हाल में हासिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ऐसी योजना पर काम करने के निर्देश दिए हैं कि राज्य के लिए निर्धारित एमएसपी पर खरीद की सीमा को और बढ़ाया जा सके। साथ ही कोविड-19 महामारी के कारण खरीद में आ रही समस्याओं का त्वरित समाधान कर खरीद की प्रक्रिया को गति दी जाए। आगामी सीजन के लिए खाद एवं बीज की पर्याप्त उपलब्धता रहे। कहीं भी खाद-बीज के लिए भीड़ एकत्र नहीं हो। राहत पैकेज के तहत मक्का एवं बाजरा के नि:शुल्क मिनीकिट का वितरण जल्द किया जाए। मुख्यमंत्री गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एमएसपी पर खरीद, खरीफ सीजन में खाद एवं बीज की उपलब्धता, टिड्डी नियंत्रण, प्रधानमंत्री फसल बीमा के साथ ही ओलावृष्टि के कारण हुए नुकसान को लेकर समीक्षा में जरूरी दिशा निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

सरकार ने उठाए ये कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने और एमएसपी पर खरीद की प्रक्रिया को गति देने के लिए राज्य सरकार ने 1500 से अधिक प्रसंस्करण इकाइयों को किसानों से सीधी खरीद करने की अनुमति दी है। साथ ही 592 सहकारी समितियों को निजी गौण मण्डी के रूप में अधिसूचित किया है। इसके अलावा राजस्थान राज्य भण्डारण निगम के 93 गोदामों को भी निजी गौण मंडी घोषित किया है। अधिकारी इन सभी केंद्रों पर जल्द से जल्द संसाधन उपलब्ध करवाकर खरीद करवाना सुनिश्चित करें।

टिड्डी नियंत्रण के लिए बनाएं कंटीजेंसी प्लान
भारत-पाक सीमावर्ती क्षेत्र में टिड्डियों के प्रवेश को देखते हुए अभी से इन्हें नियंत्रित करने की प्रभावी योजना तैयार के निर्देश भी मुख्यमंत्री गहलोत ने दिए। इसके लिए संबंधित जिला कलेक्टरों के जरिए कंटीजेंसी प्लान तैयार करवाने, टिड्डी समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार से अधिक संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए मांग करने के लिए निर्देश दिए।

फसल बीमा के प्रीमियम का नहीं रहे बैकलॉग
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम का भुगतान समय पर किया जाए, ताकि किसानों को फसल नष्ट होने पर जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को विभाग सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इसके लिए प्रभावी प्लानिंग करे ताकि भविष्य में प्रीमियम का बैकलॉग नहीं रहे। उन्होंने बताया कि सरकार ने पिछले सालों का 2200 करोड़ रूपए का राज्य के हिस्से का प्रीमियम भुगतान किया, इससे किसानों को करीब 5 हजार करोड़ रुपए का मुआवजा मिला है।

ओलावृष्टि प्रभावितों को जल्द दें सहायता
मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों ओलावृष्टि और आंधी से प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुए नुकसान की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि प्रभावितों को जल्द से जल्द सहायता प्रदान की जाए। फसलों को हुए नुकसान की गिरदावरी भी तत्काल प्रभाव से करवाकर मुआवजा वितरित किया जाए।

नए खरीद केंद्रों को तेजी से कर रहे क्रियाशील
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि आगामी मौसम को देखते हुए विभाग ने अपनी तैयारी कर ली है। बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं सहकारिता नरेशपाल गंगवार ने ने विभागीय तैयारियों की जानकारी दी।

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