Chandrayaan 2: लैंडर विक्रम इसरो से ज्यादा बेचैन है नासा

Chandrayaan 2: लैंडर विक्रम इसरो से ज्यादा बेचैन है नासा
 

<p>Chandrayaan 2: लैंडर विक्रम इसरो से ज्यादा बेचैन है नासा</p>
Chandrayaan 2: जहां चांद की सतह पर पड़े लैंडर विक्रम से संपर्क के लिए इसरो हरसंभव कोशिश कर रहा है.. वहीं नासा भी लैंडर से संपर्क साधने की भरसक कोशिश कर रहा है… हाल ही नासा ने विक्रम को रेडियो संदेश भेजा… सवाल ये है कि आखिर क्यों नासा भारत के इस मून मिशन में इतना इंस्टरेस्ट दिखा रहा है… दरअसल नासा इसके जरिए कुछ अहम डेटा की उम्मीद कर रहा है… आपको बता दें नासा कई वजहों से भारत के मून मिशन में काफी रुचि दिखा रहा है। पहली वजह है विक्रम पर लगे पैसिव पेलोड लेजर रिफ्लेक्टर। इसके जरिए लैंडर की सटीक स्थिति का पता चल सकता है और यह धरती से चांद की दूरी का सटीक आकलन कर सकता है। दूरी के आकलन के बाद नासा को अपने भविष्य के मिशन को बेहतर करने में मदद मिल सकती है। दूसरा, नासा को उम्मीद है कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से उसे अहम डेटा मिल सकता है। ऑर्बिटर में 8 अडवांस्ड पेलोड्स हैं। नासा चांद की 3डी मैपिंग के डेटा का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। साथ ही उसे चांद के दक्षिण ध्रुव की तस्वीर का भी इंतजार है। इसके पीछे कारण यह है कि नासा चांद के साउथ पोल पर 2024 तक मानव मिशन भेजने की तैयारी में जुटा है। साउथ पोल की तस्वीरें मिलने के बाद उसका मिशन और बेहतर हो सकता है। गौरतलब है कि चांद के लिए चीन भी बड़ी तैयारी कर रहा है… बता दें कि चीन चांद पर दो-तीन लैंडर मिशन के बाद साउथ पोल पर एक रिसर्च हब बनाने की तैयारी में जुटा है। ऐसे में अमेरिका पीछे नहीं रहना चाहता है। आपको यह भी बता दें चांद की सतह से महज 2 किलोमीटर दूर राह भटके चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क की कोशिश जारी है। इसरो चांद की सतह पर बेसुध पड़े विक्रम से संपर्क करने की आखिरी कोशिश में लगा हुआ है। दूसरी तरफ अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने भी विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश में ‘हलो मेसेज भेजा है। नासा रेडियो सिग्नल भेज रहा है….. इसरो के एक अधिकारी ने बताया, चंद्रमा के विक्रम के साथ संचार लिंक फिर से स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. यह प्रयास 20-21 सितंबर तक किए जाएंगे, जब सूरज की रोशनी उस क्षेत्र में होगी, जहां विक्रम उतरा है. खगोलविद स्कॉट टायली ने भी ट्वीट कर विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित होने की प्रबल संभावना जताई है. टायली ने 2018 में अमेरिका के मौसम उपग्रह (वैदर सैटेलाइट) को ढूंढ निकाला था. यह इमेज सैटेलाइट नासा द्वारा 2000 में लॉन्च की गई थी,
जिसके पांच साल बाद इससे संपर्क टूट गया था.
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