अब जिला स्तर पर होंगे भाजपा के चिंतन शिविर, प्रदेश पदाधिकारी लेंगे हिस्सा

विधानसभा चुनाव में भले ही अभी दो साल का वक्त हो, लेकिन भाजपा ने अभी से पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है। कुंभलगढ़ में बीजेपी के दो दिवसीय चिंतन शिविर के बाद अब जल्द ही प्रदेश में जिला स्तर तक भाजपा इस प्रकार के चिंतन शिविर लगाएगी, ताकि निचले स्तर तक पार्टी को मजबूत किया जा सके। साथ ही स्थानीय स्तर पर भी पार्टी में किसी तरह के मतभेद हों तो उसे दूर किया जा सके।

<p>अब जिला स्तर पर होंगे भाजपा के चिंतन शिविर, प्रदेश पदाधिकारी लेंगे हिस्सा</p>
जयपुर।
विधानसभा चुनाव में भले ही अभी दो साल का वक्त हो, लेकिन भाजपा ने अभी से पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है। कुंभलगढ़ में बीजेपी के दो दिवसीय चिंतन शिविर के बाद अब जल्द ही प्रदेश में जिला स्तर तक भाजपा इस प्रकार के चिंतन शिविर लगाएगी, ताकि निचले स्तर तक पार्टी को मजबूत किया जा सके। साथ ही स्थानीय स्तर पर भी पार्टी में किसी तरह के मतभेद हों तो उसे दूर किया जा सके।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने शुक्रवार को कहा कि जला स्तर पर होने वाले चिंतन शिविर में प्रदेश से कुछ प्रमुख पदाधिकारी जाकर स्थानीय नेता व कार्यकर्ताओं की यह बैठक लेंगे और कार्यकर्ताओं के मूड का पता लगाएंगे। कटारिया ने कहा कि कुंभलगढ़ में हुई चिंतन बैठक में वल्लभनगर और धरियाबाद विधानसभा उपचुनाव को लेकर चर्चा नहीं हुई। पार्टी का फोकस कार्यकर्ता और टीम की मजबूती पर था।
सीएम चेहरे पर नहीं हुई चर्चा

कटारिया ने साफ किया कि हमारे यहां नेतृत्व का महत्व नहीं बल्कि टीम वर्क का ज्यादा महत्व है। जहां टीम वर्क अच्छा होगा वहां जीत भी होगी। कुंभलगढ़ में हुई चिंतन शिविर में विधानसभा चुनाव में किसी चेहरे को लेकर चुनाव लड़ने या न लड़ने से जुड़े किसी भी मसले पर कोई चर्चा नहीं हुई। कटारिया ने यूपी विधानसभा चुनाव का उदाहरण दिया और कहा कि यूपी में किसी के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ा गया, लेकिन बाद में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया। कटारिया ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहती है तो आमतौर पर चुनाव के आसपास भाजपा के संसदीय बोर्ड उसके नाम का ऐलान करता है।
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