प्रदेश में सरकार और कोरोना संकट को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी सोशल मीडिया पर ‘सुपर-एक्टिव’ दिखाई दे रही है। यही वजह है कि मौजूद परिस्थितियों को भुनाने के लिए पार्टी ने इस हाइटेक प्लेटफॉर्म पर गहलोत सरकार के विरोध में ज़बरदस्त अभियान छेड़ रखा है। इसी क्रम में पार्टी इन दिनों ‘गहलोत कुर्सी छोडो’ अभियान चला रही है। अभियान के तहत सरकार की विफलताओं को आमजन तक पहुंचाने की कवायद की जा रही है।
‘हैशटैग’ ट्रेंड करवाने में जुटा आईटी विंग
भाजपा ने कोरोना संकटकाल में सड़क पर विरोध-प्रदर्शन पर पाबंदी को देखते हुए सोशल मीडिया के ज़रिये जनता तक पैठ बनाने पर फोकस करना तेज़ कर दिया है। प्रदेश सरकार के बीच कार्यकाल में ही उपजी परिस्थितियों के चलते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ‘हैश टैग गहलोत कुर्सी छोडो’ अभियान ज़बरदस्त तरीके से छेड़ रखा है। इस रणनीति पर काम करने के लिए पार्टी के आईटी विंग को सक्रीय किया गया है। खासतौर से ट्विटर और फेसबुक पर तख्तापलट करने के इस अभियान को जोर-शोर से चलाया जा रहा है।
भाजपा ने कोरोना संकटकाल में सड़क पर विरोध-प्रदर्शन पर पाबंदी को देखते हुए सोशल मीडिया के ज़रिये जनता तक पैठ बनाने पर फोकस करना तेज़ कर दिया है। प्रदेश सरकार के बीच कार्यकाल में ही उपजी परिस्थितियों के चलते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ‘हैश टैग गहलोत कुर्सी छोडो’ अभियान ज़बरदस्त तरीके से छेड़ रखा है। इस रणनीति पर काम करने के लिए पार्टी के आईटी विंग को सक्रीय किया गया है। खासतौर से ट्विटर और फेसबुक पर तख्तापलट करने के इस अभियान को जोर-शोर से चलाया जा रहा है।
सरकार को बता रही ‘चौतरफा’ फेल
प्रदेश भाजपा ‘हैश टैग गहलोत कुर्सी छोडो’ अभियान को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेंड करवाते हुए मौजूदा गहलोत सरकार को हर मोर्चे पर फेल करार दे रही है। जनता तक सरकार का मौजूदा रिपोर्ट कार्ड पहुंचाते हुए उसे कोरोना नियंत्रण, अपराध नियंत्रण, महिला एवं दलित सुरक्षा, टिड्डी नियंत्रण, बेरोज़गारी भत्ते देने में, किसान कर्जमाफी और बिजली की दरें घटाने में फेल बताया जा रहा है।
प्रदेश भाजपा ‘हैश टैग गहलोत कुर्सी छोडो’ अभियान को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेंड करवाते हुए मौजूदा गहलोत सरकार को हर मोर्चे पर फेल करार दे रही है। जनता तक सरकार का मौजूदा रिपोर्ट कार्ड पहुंचाते हुए उसे कोरोना नियंत्रण, अपराध नियंत्रण, महिला एवं दलित सुरक्षा, टिड्डी नियंत्रण, बेरोज़गारी भत्ते देने में, किसान कर्जमाफी और बिजली की दरें घटाने में फेल बताया जा रहा है।
‘हैश टैग गहलोत कुर्सी छोडो’ अभियान में सरकार की बाडेबंदी में मौज-मस्ती की तस्वीरें और वीडियो से लेकर कई तरह की मीम्स अपलोड की जा रही हैं। वहीं कुछ यूज़र्स बागी हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट को भी मुख्यमंत्री का बेहतर विकल्प बता रहे हैं। वहीँ कुछ यूज़र्स विधायकों की बाडेबंदी को कोरोना और आपराधिक गतिविधियों के बढ़ते प्रभाव से जोड़ते हुए अपनी नाराजगी दर्ज करवा रहे हैं।
.. इसलिए भी चर्चा में अभियान
भाजपा का गहलोत कुर्सी छोडो अभियान पार्टी गलियारों में एक अलग अर्थ निकालते हुए चर्चा का विषय बना हुआ है। सोशाल मीडिया यूज़र्स और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा है कि अभियान सिर्फ मुख्यमंत्री को टार्गेट बनाते हुए चलाया गया है, जबकि इसे कांग्रेस सरकार के सत्ता से बेदखल करने को लेकर चलाया जाना चाहिए था। दबी ज़बान पर कार्यकर्ता कह रहे हैं कि अभियान से तो यह सन्देश जा रहा है कि सरकार भले ही कांग्रेस की रहे पर बस मुख्यमंत्री के पद में बदलाव हो।
भाजपा का गहलोत कुर्सी छोडो अभियान पार्टी गलियारों में एक अलग अर्थ निकालते हुए चर्चा का विषय बना हुआ है। सोशाल मीडिया यूज़र्स और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा है कि अभियान सिर्फ मुख्यमंत्री को टार्गेट बनाते हुए चलाया गया है, जबकि इसे कांग्रेस सरकार के सत्ता से बेदखल करने को लेकर चलाया जाना चाहिए था। दबी ज़बान पर कार्यकर्ता कह रहे हैं कि अभियान से तो यह सन्देश जा रहा है कि सरकार भले ही कांग्रेस की रहे पर बस मुख्यमंत्री के पद में बदलाव हो।
‘गहलोत सरकार हर मोर्चे पर फेल दिख रही है, इस महा-फेल सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को तुरंत प्रभाव से इस्तीफा देकर कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।’ – डॉ सतीश पूनिया, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष