Ashok Gehlot Birthday: जादूगरी, पार्ले-जी बिस्किट और चाय की ‘तलब’, जाने सीएम गहलोत के Unknown और Interesting Facts

Interesting and unknown facts of Chief Minister Ashok Gehlot: जादूगरी, पार्ले-जी बिस्किट और चाय की ‘तलब’

जयपुर।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आज 69वां जन्मदिन ( Ashok Gehlot Birthday ) है। लेकिन देश-दुनिया में जारी कोरोना संकटकाल के कारण वे इस बार अपना जन्मदिन नहीं मना रहे हैं। जन्मदिन नहीं मनाने को लेकर मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले शनिवार को ही सार्वजनिक सन्देश जारी कर दिया था।
सीएम गहलोत ने कहा है कि राजस्थान की जनता ने उन्हें हमेशा ही भरपूर स्नेह और आशीर्वाद दिया है। यही उनकी पूंजी है। संकट की घड़ी में वे स्वयं एवं पूरी राज्य सरकार जनता के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा है कि कोरोना की जंग जीतने के लिए प्रदेश की जनता ने जिस धैर्य, आत्मानुशासन, संकल्प एवं त्याग का परिचय दिया है, आगे भी वे इसी भावना के साथ लॉकडाउन के तीसरे चरण की पालना करें ताकि हम सफलता के साथ इस चुनौती से निपट सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि पीड़ित मानवता की सेवा के लिए जिस तरह लोगों ने आगे बढ़कर राज्य सरकार का सहयोग किया है, उसके लिए प्रदेश की जनता साधुवाद की पात्र है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि इस वैश्विक आपदा से निपटने में आगे भी सभी वर्गों का सहयोग यूंही मिलता रहेगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जन्‍म 3 मई 1951 को जोधपुर में हुआ था। उनके पिता लक्ष्‍मण सिंह गहलोत पेशे से एक जाने-माने जादूगर थे। गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्‍नातक डिग्री प्राप्‍त की और अर्थशास्‍त्र विषय लेकर स्‍नातकोत्‍तर डिग्री प्राप्‍त की। उनका विवाह 27 नवम्‍बर, 1977 को सुनीता गहलोत के साथ हुआ। गहलोत के एक पुत्र वैभव गहलोत और एक पुत्री सोनिया गहलोत हैं। बचपन के दौरान गहलोत को पिताजी के साथ जादू दिखाने जाना और घूमना-फिरना बहुत पसन्‍द था।
गहलोत स्कूल के दिनों में भी पिता के साथ जादू दिखाने जाया करते थे। उन्होंने खुद भी पिता से जादूगरी के कई टिप्स लिए। लेकिन इस पेशे से जुड़े होने के कारण स्कूल में उनका खूब मजाक भी उड़ाया जाता था। ऐसे में उनका जादू का सफ़र ज़्यादा नहीं चला और उन्होंने इस पेशे से दूरी बना ली। शायद वो अपने नसीब में पहले ही लिखवाकर लाये थे कि वो आगे चलकर सियासत के जादूगर की भूमिका निभायेंगे।
Interesting and unknown facts of Chief Minister Ashok Gehlot

– प्रदेश के मुख्यमंत्री गहलोत के पूर्वजों का पेशा जादूगरी था। उनके पिता स्व. लक्ष्मण सिंह गहलोत खुद एक जादूगर थे। सीएम गहलोत ने अपने पिता से ही जादू सीखा था और कुछ दिन जादूगरी भी की।
– उनकी छवि बेहद लो प्रोफाइल राजनेता पर सियासत के दिग्गज नेता के तौर पर है। कहा जाता है कि वे अपनी टीम में भी लो प्रोफाइल अफसरों को रखना पसंद करते हैं।

– कम लोग ही जानते हैं कि वे अपनी गाड़ी में हमेशा पारले-जी बिस्किट रखकर चलते हैं।
– चाय के शौकीन गहलोत तलब होने पर सड़क किनारे भी चाय पी लिया करते हैं।

– विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में गहलोत की रुचि हो गई थी। तभी से वे समाज सेवा भी करने लगे थे।
– वे 1973 से 1979 में कांग्रेस के छात्र संगठन में रहे। वे NSUI के राजस्थान प्रेसिडेंट भी रहे।

– 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। उन्‍होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं, 10वीं, 11 वीं और 12वीं लोकसभा में प्रतिनिधित्‍व किया
– सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से गहलोत 11वीं, 12वीं, 13 वीं, 14वीं और 15वीं राजस्थान विधानसभा के दौरान निर्वाचित हुए व मुख्यमंत्री बने।

– इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी तथा पी.वी.नरसिम्‍हा राव के मंत्रिमण्‍डल में केन्‍द्रीय मंत्री रहे, वे तीन बार केन्‍द्रीय मंत्री बने
– जब इन्दिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं उस समय अशोक गहलोत मंत्रीमण्‍डल में पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे। इसके बाद वे खेल उपमंत्री बनें।

– वे केन्‍द्रीय कपड़ा राज्‍य मंत्री भी बने, यह मंत्रालय पूर्व प्रधानमंत्री के पास था तथा गहलोत को इसका स्‍वतंत्र प्रभार दिया गया।
– गहलोत राजस्‍थान सरकार में गृह तथा जन स्‍वास्‍थ्‍य अभियां‍त्रिकी विभाग के मंत्री भी रहे।

– वे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, कई राज्यों के चुनाव प्रभारी, कांग्रेस की यूथ विंग एनएसयूआई अध्यक्ष, विशेष आमन्त्रित सदस्‍य के सतह ही कई वरिष्ठ पदों पर नियुक्त किये गए।
– महात्‍मा गांधी के ऐतिहासिक दांडी मार्च के 75 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस एवं महात्‍मा गांधी फाउण्‍डेशन की ओर से आयोजित ढाडी यात्रा के समन्‍वयक के रूप में कार्य किया।

– गहलोत को तीन बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्‍यक्ष रहने का गौरव प्राप्‍त हुआ।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.