एसीबी अधिकारियों ने बताया कि दलाल हनुमान मीणा परिवादियों से पुलिस कांस्टेबल बनकर मिलता और उनके मुकदमें में फायदा पहुंचाने के बदले रिश्वत की रकम तय करता। सौदा होने पर संबंधित पुलिसकर्मियों को उनका हिस्सा दे देता। ऐसे ही एक मामलें में परिवादी से मुकदमे से बेटे का नाम निकलवाने के बदले 50 हजार रुपए मांगे और 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते एसीबी ने पकड़ लिया।
पूछताछ में सामने आया कि दलाल हनुमान ने कांस्टेबल तेजराम के कहने पर रिश्वत मांगी थी। दलाल को करीब 30 किलोमीटर पीछा कर पकड़ा है वहीं एसीबी की कार्रवाई के बाद सांगानेर थाने से कॉन्स्टेबल तेजराम मौक़े से फ़रार हो गया।