शिकायतों को लेकर उपायुक्त ने अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ललित शर्मा को गुरुवार रात करीब आठ बजे निजी वाहन से जांच के लिए भेजा। शर्मा ने मौका स्थिति देखी तो वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों की कार्यशैली संदिग्ध नजर आई। उनकी रिपोर्ट के आधार पर उपायुक्त ने दो हैड कांस्टेबल मोहन, हीरालाल और कांस्टेबल ओम प्रकाश, राजेन्द्र व शैतान सिंह को निलंबित कर दिया।
गौरतलब है कि गत 29 अगस्त को भी ट्रक चालकों से अवैध वसूली के मामले में यह चौराहा चर्चित रहा था। चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों ने एक डम्पर से वसूली के लिए ऑटो रिक्शा से 12 किलोमीटर तक उसका पीछा किया। 14 नंबर पुलिया के पास उसे रोककर रुपए वसूले तो स्थानीय लोगों ने उनकी धुनाई करके पुलिस के हवाले कर दिया था। बाद में पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मी को सेवा से बर्खास्त कर दिया था।
संदिग्ध नजर आई कार्यशैली यातायात उपायुक्त ने बताया कि शिकायत मिल रही थी कि अजमेर से दिल्ली जाने वाले ट्रकों को रोककर अवैध वसूली की जा रही है। जबकि उन वाहनों का शहर व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं था। जबकि चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी वहां पर सुचारू यातायात व्यवस्था की है। रात्रि में वह बेवजह टॉर्च लाइट से वाहनों को रुकवाकर जांच कर रहे थे। जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि उनकी मंशा ठीक नहीं थी। वह व्यवस्था बनाने के बजाय ट्रकों पर ध्यान रख रहे थे।