राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि एंबुलेंस कर्मचारियों को कोरोना वायरस संदिग्ध मरीजों को लाने के लिए एंबुलेंस में पर्याप्त संसाधन नहीं थे। जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। प्रशासन ने इस मांग को मान लिया है और जल्द से जल्द पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है।
उन्होंने बताया कि एंबुलेंस संबंधित क्षेत्र के पुलिस थानों में खड़ी होती हैं तथा कर्मचारी भी पुलिस थानों की मेस में ही खाना खाते हैं। कोरोना बीमारी के चलते पुलिस कमियों ने थानों में एंबुलेंस खड़ा करने तथा मेस में खाना खिलाने से मना कर दिया था। वार्त में इस मांग पर भी सहमति बनी है। वार्ता में तय हुआ है कि एंबुलेंस कर्मचारियों को भी 50 लाख रुपए के बीमा में शामिल किया जाएगा तथा प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
शेखावत ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन परियोजना निदेशक अनिल पालिवाल ने वार्ता में सकारात्मक रूख रखते हुए सभी मांगों को मान लिया, इसके बाद कर्मचारियों ने अपनी प्रस्तावित हड़ताल को समाप्त कर दिया है।