15 अगस्त पर जंगल में लड़के लड़की नाटक करने पहुंचे, फिर वीडियो हो गया वायरल- watch video

15 अगस्त पर जंगल में लड़के लड़की नाटक करने पहुंचे, फिर वीडियो हो गया वायरल

<p>young girls and boys drama</p>

जबलपुर/ स्वतंत्रता दिवस कुछ अलग मालूम हुआ जब जबलपुर के युवाओं ने डुमना और उसके आसपास के संवेदनशील क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्य के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर डुमना जंगल को अवांछित मानवीय विकास से मुक्त कराने हेतु, जंगल की स्वतंत्रता के लिए जबलपुर के 15-25 वर्ष के युवाओं ने एक कार्यक्रम आयोजित किया। जिसके तहत सबसे पहले हुई शांतिपूर्ण यात्रा निकली जो की दोपहर 2 बजे से शुरू हुई , उसके बाद हुआ फ़्लैश मॉब एवं नुक्कड़ नाटक शाम 4 बजे से हुआ। इस कार्यक्रम में बहुत से युवाओं ने अपना सहयोग दिया। यह सब युवा विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं, लेकिन इन सभी का मकसद सिर्फ एक है, डुमना जंगल की स्वतंत्रता एवं मूक जानवरों की आवाज बनना । उन जीवों से उनका घर, उनका जंगल , न छीनना।

जबलपुर के युवाओं ने की स्वतंत्र डुमना की मांग
स्वतंत्रता दिवस की 75th वर्षगांठ पर युवाओं ने किया जागरूक

 

इस शांतिपूर्ण यात्रा एवं नुक्कड़ नाटक में 35-40 युवाओं ने भाग लेकर जंगल की जमीन को सुरक्षित रखने के लिए प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शनों के दौरान जंगल की पवित्रता एवं शांति को कोई हानि न पहुंचे इसका खास खयाल रखा गया। फ़्लैश मॉब के दौरान कोई भी प्रकार के लाउड स्पीकर का प्रयोग नहीं किया गया, न ही किसी प्रकार के संगीत का उपयोग किया गया, किसी भी प्रकार का कचरा या गंदगी न फैले इसका विशेष ध्यान दिया गया।

युवाओं का कहना है की, “महामारी के बावजूद भी उन्हें यह जन आंदोलन विवश होकर करना पड़ रहा है । खंडारी जलाशय के जल ग्रहण क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाई है , उसके बावजूद भी निर्माण कार्यों की योजना बनाई जा रही है, यह जबलपुर के नागरिक होने के नाते सब की नैतिक ज़िम्मेदारी है कि इस अवांछित निर्माण को रोके और इस जंगल को सुरक्षित रखे”।

 

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उल्लेखनीय है कि खंडारी पहाड़ी और डुमना के संवेदनशील क्षेत्र का संरक्षण शहर के लिए किसी भी प्राकृतिक धरोहर से कम नहीं है। यहां विभिन्न प्रकार के जीव जंतु पाए जाते हैं जिनका जीवन अब खतरे में है। 1883 में बनाए गए खंदारी बांध के कारण यह जंगल जबलपुर का बहुत महत्वपूर्ण जल संग्रहण क्षेत्र भी है। 40 प्रतिशत डुमना का जंगल पहले से ही निर्मित इन तीन प्रोजेक्ट ,जो की है एयरपोर्ट, फूडक्राफ्ट इंस्टीट्यूट एवं आई. आई. टी. डी. एम. में खाप चुका है । डुमना का भविष्य खतरे में देख विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम शहर भर में आयोजित किए जा रहे हैं। विभिन्न निर्माण कार्यों में स्पोर्ट्स सिटी के लिए 40 एकड़, लोकायुक्त के लिए 5 एकड़, होटल, रेलवे और भी कई परियोजनाओं को जमीन आवंटित की जा रही है।

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