स्कूली बच्चों को खेती से जोड़ने की अनोखी पहल

-जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय की पहल पर मनाया जा रहा कृषि शिक्षा दिवस

<p>जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय</p>
जबलपुर. देश में एक तरफ कृषि और कृषि से जुड़े लोगों की हालत अत्यंत दयनीय है। लोग खेती-किसानी छोड़ने को विवश है। हर साल लाखों किसान आत्महत्या कर रहे हैं। वर्तमान दौर की बात करें तो हजारों किसान अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन की राह पर है। ऐसे दौर में जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय ने अनोखी पहल की है। इसके तहत विश्वविद्यालय स्कूली छात्रों को जोड़ कर तीन दिसंबर यानी गुरुवार को कृषि शिक्षा दिवस मना रहा है।
कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन के मुताबिक कृषि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी ग्रामीण कृषि कार्यों के लिए गांवों में जाते हैं। ये विद्यार्थी ग्रामीण अंचल के राजकीय स्कूलों में जाकर बच्चों को कृषि शिक्षा की जानकारी देते हैं। ऐसे में अब नई पीढ़ी को कृषि शिक्षा से परिचित कराने के उद्देश्य से कृषि शिक्षा दिवस के अंतर्गत ऑनलाइन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। अब लोग कृषकों को दुखी-परेशान न समझें बल्कि टिशू कल्चर, बायोटैक्नोलॉजी के साथ अब कृषि बहुत ही संपन्न हो चुकी है।
विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय द्वारा नाहेप के अंतर्गत विविध स्कूलों के सहयोग से कृषि परिचय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें केंद्रीय विद्यालय संगठन जबलपुर संभाग, जिला शिक्षा अधिकारी व सरस्वती शिक्षा परिषद का सहयोग मिल रहा है। लगभग 450 विद्यार्थियों ने कृषि परिचय कार्यक्रम के अंतर्गत पंजीयन करवा लिया है। इसमें विद्यार्थियों को कृषि से जुड़े प्रश्नों पर आधारित फॉर्म भरना है, जिसमें कृषि से जुड़े सवालों के वैकल्पिक जवाब देना होगा। पंजीयन के बाद ऑनलाइन निबंध, स्लोगन प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही सभी सहभागियों को ई-प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। इस आनलाइन प्रतियोगिता के आयोजन में अधिष्ठाता कृषि अभियांत्रिकी संकाया डॉ. आर के नेमा, प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. एम के अवस्थी व कार्यक्रम संयोजक डॉ. आरएन श्रीवास्तव का सहयोग मिल रहा है।
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