धीमी गति से टला खतरा
इटारसी से चलकर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन 0 111 7 बुधवार की रात को लगभग 8 बजे जैसे ही बिहानी के करीब पहुंची तो तीसरे नंबर की एक बोगी के चार पहिए उतर गए। बताया जा रहा है कि हादसा होम सिग्नल से लूप लाइन की ओर मोड़ने के दौरान पॉइंट 102 के पास हुआ। स्टेशन के आउटर पर होने के कारण ट्रेन धीमी गति से चल रही थी। चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया और ट्रेन को रोक दिया। इससे एक डब्बा ही पटरी से उतर पाया। ट्रेन पर पलटने का खतरा भी टल गया।
डीआरएम देर रात में ही पहुंचे
हादसे की सूचना पाकर पमरे मुख्यालय से राहत एवं बचाव कार्य के लिए ट्रेन रवाना हुई। डीआरएम संजय विश्वास भी रात में तुरंत मौके पर पहुंचे। लगभग डेढ़ घंटे की कवायद के बाद क्रेन की मदद से डिब्बे को पटरी पर चढ़ा लिया गया। इस दौरान इटारसी जबलपुर के बीच कुछ ट्रेनों को दूसरे स्टेशनों पर रोक कर रखा गया। रात 1:00 बजे तक यातायात बहाल हो गया।
निगरानी में चूक और लापरवाही
रेल हादसों के बाद पटरियों की निगरानी में चूक माना जा रहा है। स्टेशन के आउटर पर पॉइंट के पास घटना होने से इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही भी उजागर हुई है। पॉइंट की रेलकर्मियों की लगातार जांच नहीं करने और ड्यूटी में ढिलाई की बात भी कही जा रही है। रेल पटरियों पर असामाजिक तत्वों द्वारा मोटे रॉड रख कर चले जाने और इसकी भनक तक नहीं लगने के कारण आरपीएफ की गस्ती पर सवाल उठ रहे हैं।
300mm का टुकड़ा जांच शुरू
आरपीएफ ने एक घटना स्थल के आसपास छानबीन शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार रेल पटरी पर रखा मिला लोहे का टुकड़ा करीब 300 एमएम का है। आशंका है कि शरारती तत्वों ने जानबूझकर नुकसान के इरादे से यह कृत्य किया है। इसे अंजाम देने वाले व्यक्ति का पता लगाने के लिए आरपीएफ ने अलग-अलग टीम गठित की हैं। घटनास्थल और रेल पटरी के आसपास रहने वाले संदिग्धों से भी पूछताछ की जा रही है।
आरती छिक्की प्रयागराज ट्रेन हादसे की जांच के निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों ने घटनास्थल पर जांच की है। जांच रिपोर्ट आने के बाद विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।
– शैलेंद्र कुमार सिंह महाप्रबंधक पश्चिम मध्य रेल