जबलपुर। मप्र के उपचुनाव के नतीजों को इंतजार जबलपुर के लोगों को भी बेसब्री से है। क्योंकि, यहां के 79 वार्डों में पार्षद व नगर के महापौर का चुनाव होना है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन और कोरोना संकट के कारण नगर निगम के चुनाव टल गए थे। अब महापौर व पार्षद का चुनाव लडऩे का सपना संजोए लोगों की निगाह प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों में हुए उप चुनाव के नतीजों पर टिक गई हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नगरीय निकाय चुनाव जल्दी होंगे या फिर लम्बे समय तक बागडोर प्रशासक के हाथों में ही होगी, ये काफी हद तक उप चुनावों के नतीजों पर निर्भर करेगा। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया था। जबकि, भापजा की मौजूदा सरकार प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराना चाहती है।
ऐसे में उपचुनाव के नतीजों से ही तय होगा की महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष प्रणाणी से होगा। उप चुनाव में जीत व हार को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गरम है। जबलपुर शहर में भाजपा-कांग्रेस से लेकर अन्य राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता भी सोशल मीडिया पर अपनी पार्टी की जीत का दावा कर रहे हैं। भाजपा के स्थानीय नेताओं का कहना है कि सरकार तो कोई खतरा होने का सवाल ही नहीं है। उम्मीद है कि सभी सीटों पर भाजपा की जीत होगी। जबकि, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा को बहुत बड़ा झटका लगेगा। उनके दावे हवा-हवाई हैं।