लावारिस लाशों की दुखद कहानी, अपनों के इंतजार में दफन हैं सैकड़ों जिंदगियां

लावारिस लाशों की दुखद कहानी, अपनों के इंतजार में दफन हैं सैकड़ों जिंदगियां
 

<p>Sad story of unclaimed dead body, lives buried in the waiting of loved ones</p>

जबलपुर। शहर में हर साल सैकड़ों लाशें शिनाख्त नहीं होने से गुमनामी के ठप्पे के साथ दफन कर दी जाती हैं। अज्ञात लाशों की शिनाख्त के नाम पर पुलिस की कार्रवाई खानापूर्ति तक सीमित होती है। निर्धारित समयावधि में मृतक की शिनाख्त नहीं होने पर लाशों को दफन कर दिया जाता है। कई बार पुलिस की इस जल्दबाजी के कारण कब्र को उखड़वाना भी पड़ता है। आश्चर्य की बात यह है कि अज्ञात मृतकों को दफन करने के बाद पुलिस कागजों में ही उनकी पहचान के प्रयास करती है।

शिनाख्ती के नाम पर हो रही खानापूर्ति
हर साल लावारिस में दफन हो जाती हैं सैकड़ों लाशें, नहीं हो पाती शिनाख्त

तिलवारा में करते हैं दफन- पुलिस की ओर से अज्ञात लाशों को तिलवारा में दफनाया जाता है, जिससे शिनाख्त होने पर मृतक के परिजन को शव मुहैया कराया जा सके।

शव उखड़वाने की लम्बी प्रक्रिया- लाश को दफन करने के बाद शिनाख्त होने पर मृतक के परिजन को शव उखड़वाने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। थाने से पहचान होने के बाद सम्बंधित सम्भाग के एसडीएम को आवेदन देना होता है। अनुमति मिलने परशव को उखड़ाकर परिजन को सौंपा जाता है।


अज्ञात शवों की शिनाख्ती के लिए पुलिस हरसम्भव प्रयास करती है। मृतकों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल किया जाता है। थानों और सार्वजनिक स्थलों पर तस्वीर चस्पा की जाती है। अंतिम संस्कार के बाद भी उनका सामान सुरक्षित रखा जाता है। शिनाख्त होने पर तय शव व सामान परिजन के सुपुर्द कर दिया जाता है।
– सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी

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