good job: यहां कोरोना पॉजिटिव की शुरू हुई मनोचिकित्सा

मनोचिकित्सक गए आइसोलेशन सेंटर, मरीजों से मिल कर की काउंसिलिंग

<p>कोरोना वायरस प्रतीकात्मक फोटो</p>
जबलपुर. कोरोना वायरस को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां भी हैं। लोगों में दहशत भी है। लोगों द्वारा कोरोना पॉजिटव को हेय दृष्टि से देखने की सूचनाएं भी वायरल हुईँ। कई गांवों में लोगों ने किसी अपने को भी घुसने नहीं दिया तो कुछ आत्महत्या भी हुईँ। हालांकि इसके लिए बार-बार विशेषज्ञों की ओर से प्रचारित किया जाता रहा कि कोरोना पॉजिटिव से किसी तरह का दुराव न रखें। रोग से लड़ें, रोगी से नहीं।
वैसे सामाजिक ताना-बाना तो जो बना सो बना ही, लेकिन जो कोरोना पॉजिटिव घोषित हो जा रहे हैं और उन्हें आइसोलेशन सेंटर में रखा जा रहा है उनकी मनोदशा का अध्ययन कर उनकी हौसला अफजाई ज्यादा जरूरी थी क्योंकि वो तो अकेले ही इतना लंबा सफर गुजार रहे हैं। ऐसे में जबलपुर के सुखसागर केयर सेंटर में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए काउंसिंलिंग शुरू की गई है।
इसके तहत मनोरोग विशेषज्ञों की टीम कोविड केयर सेंटर पहुंची और मरीजों से बातचीत की। आइसोलेट होने के दौरान उनके मन में आने वाले विचारों और तनाव को लेकर चर्चा की। साथ ही उचित परामर्श के साध दवाएं भी दीं।
बता दें कि कोरोना संक्रमित घोषित होने के बाद व्यक्ति को सेंटर के पॉजिटिव ब्लॉक में 10 दिन रहता है। उसके बाद उसे आइसोलेशन ब्लॉक में रखा जाता है। फिर 7 दिन फैसिलिटी आइसोलेशन में रखा जाता है। यह पीरियड काफी लंबा होता है। ऐसे में उनकी काउंसिलिंग कर उनकी मनोदशा को पढ़ना और उसके अनुसार परामर्श के साथ दवाएं दे कर मनोविकारों को दूर करने का प्रयास किया गया। इसे लोगों ने काफी सराहा।
इस दौरान कोविड केयर सेंटर स्टेट क्वालिटी टीम के सदस्य डॉ संजय मिश्र व नरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
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