शादी के बाद हुई अजीत की हत्या का राजफास

-पुलिस का दावा- प्रेमप्रपंच में हुई युवक की हत्या

<p>शादी के बाद युवक की हत्या</p>
जबलपुर. शादी के बाद हुई बघेली सिहोरा निवासी अजीत कुमार चौधरी की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस के अनुसार यह हत्या प्रेमप्रंपंच में की गई। प्रेमप्रपंच भी अजीत से सीधी तौर पर नहीं जुड़ा है बल्कि उसके दोस्त की प्रेमिका के भाइयों ने उसकी हत्या की है। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर हत्याकांड में प्रयुक्त चाकू और बाइक भी जब्द कर ली है।
बता दें कि जबलपुर जिले के बघेली सिहोरा निवासी अजीत कुमार चौधरी (22) का शव सिमरिया रोड के किनारे उड़द के खेत में मिला था। अजीत के पिता बसंत कुमार चौधरी ने शव की पहचान की थी। उन्होंने बताया कि अजीत की शादी 21 मई को हुई थी। वह 25 मई की दोपहर खाना खाकर दोस्तों से मिलने की बात कह कर घर से गया था। तीन बजे पिता को पता चला कि अजीत 15 किमी दूर शिवकुमार दाहिया के उड़द वाले खेत में पड़ा है। अजीत की दाहिनी जांघ में चाकू के निशान मिले थे। बुधवार को शव का पीएम कराया गया। रिपोर्ट में डॉक्टर ने मारपीट के कारण सिर में अंदरूनी चोट आने से मौत होना बताया है। इस मामले में खितौला पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर मामला जांच में लिया था।
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पुलिस के अनुसार 26 मई को सूचना मिली कि संदेही रमन यादव, प्रदीप यादव और कालीचरण यादव अपने रिश्तेदार शिवकुमार यादव के घर ग्राम कोहनी थाना बरगी में और चिंटू यादव कटियाघाट बरेला में छिपे हैं। ऐसे में दो टीमों ने एक साथ दबिश देकर चारों को धर दबोचा। चारों ने हत्या की बात कबूल की। बताया कि बघेली निवासी अर्जुन यादव का अजीत दोस्त था। दोनों कटियाघाट में साथ आते-जाते थे। तीन दिन पहले रमन यादव की 19 वर्षीय बहन को अर्जुन यादव भगा ले गया था। ऐसे में आरोपियों को संदेह था कि रमन की बहन को अगवा करने में अजीत ने अर्जुन की मदद की होगी। उसे दोनो के बारे में सारी जानकारी होगी।
पुलिस के अनुसार अजीत का दोस्त तीन दिन पहले ही अपनी प्रेमिका को लेकर भाग गया था। उस मामले में युवती के भाइयों को लगा बहन को भगाने में अजीत ने अपने दोस्त की मदद की है। ऐसे में उन्होंने पहले अजीत को पकड़ा और उसके दोस्त व अपनी बहन के बारे में पूछताछ की। इस दौरान ही उसे सिर के बल सड़क पर पटक दिया फिर चाकू से वार कर उसे खेत में फेंक दिया।
खितौला टीआई के अनुसार प्रारंभिक छानबीन में पता चला कि आखिरी बार अजीत को गांव के अंगद, विनोद और आनंद यादव के साथ गांव के तालाब के पास बैठे देखा गया था। तीनों युवकों ने पुलिस को बताया कि मंगलवार दोपहर 12.30 बजे बघेली निवासी अभिषेक यादव का फोन अजीत के पास आया था। थोड़ी देर बाद बाइक से दो लोग अभिषेक के साथ आए तो वह मिलने चला गया। अजीत यादव उन दोनों युवकों के साथ उनकी बाइक से गया, जबकि अभिषेक पैदल ही वहां से चला गया।
पुलिस ने बघेली निवासी अभिषेक यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि कटियाघाट बरेला निवासी उसके बहनोई की बहन को अजीत का दोस्त अर्जुन तीन दिन पहले भगा ले गया। जीजा का छोटा भाई रमन यादव और उसके चचेरे भाई प्रदीप अजीत चौधरी को अपने साथ ले गए थे। वे वहां बाइक से कालीचरण यादव (रमन का बड़ा भाई), ममेरे भाई चिंटू यादव के साथ पहुंचे थे। अभिषेक ने कहा कि रमन के कहने पर वह घर चला आया।
घटना के बाबत बताया जा रहा है कि चारों आरोपी अर्जुन की हत्या की नीयत से बघेली गांव पहुंचे थे। वहां अर्जुन नहीं मिला। उसके बाद उन्होंने अभिषेक जो रिश्ते में उनका बहनोई लगता था के जरिए अर्जुन और अजीत के बारे में पता किया। अजीत से बात हुई तो उसने गांव के तालाब के पास बुलाया। रमन ने अजीत को सिहोरा चलने को कहा और अपनी बाइक से बिठाकर ले गए।
आलासूर व सिमरिया गांव के बीच सुनसान देखकर चारों ने बाइक रोकी। अजीत से अर्जुन के बारे में पूछा। इनकार करने पर गुस्से में उसे उठाकर सिर के बल रोड पर पटक दिया। वह छटपटाने लगा तो कालीचरण, प्रदीप और चिंटू ने उसे पकड़ लिया और रमन ने चाकू से उसकी जांघ पर दो वार किए। इसके बाद चारों उसे उड़द के खेत में फेंक कर भाग गए। चारों अपने घर कटियाघाट पहंचे। वहां चिंटू को चाकू देकर कालीचरण, रमन और प्रदीप बरगी भाग गए थे।
खितौला पुलिस ने चारों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त दो बाइक और चाकू जब्त कर लिया। चारों आरोपियों जिनकी उम्र 19 से 27 वर्ष के बीच को गुरुवार 27 मई को कोर्ट में पेश किया।
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