जबलपुर। डुमना एयरपोर्ट पर शुक्रवार को निजी विमानन कंपनी की दिल्ली और मुंबई तक हवाई सेवा का शुभारम्भ होने के साथ ही कई यादगार पल बने। इंडिगो की नई फ्लाइट के साथ ही जबलपुर में लगभग दस साल बाद डुमना हवाई पट्टी पर बड़ा विमान (एयरबस) उतरा। नए विमान के आरामदायक और सुहाने सफर से यात्रियों के चेहरे पर खुशी झलकी। अब डुमना विमानतल से सात शहरों के लिए 26 उड़ानें हो गई हैं। ये अभी तक की स्थिति में डुमना में एक समय पर सबसे ज्यादा उड़ानें हैं। 28 अगस्त से इंदौर और हैदराबाद के लिए चार और नई उड़ान शुरूहोने वाली है।
डुमना से तीन एयरलाइंस की 13 फ्लाइट
एयरलाइंस : फ्लाइट : उड़ान वाले शहर
एयर इंडिया : 3 : दिल्ली, बिलासपुर
इंडिगो एयरलाइंस : 2 : दिल्ली, मुंबई
स्पाइस जेट : 8 : दिल्ली, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, बेंगलूरु, सूरत
17 साल पहले सबसे ज्यादा 47 दिन चली थी फ्लाइट
शुक्रवार को दिल्ली-मुंबई के लिए एयरबस शुरूहोने पर डुमना एयरपोर्ट पर समारोह आयोजित हुआ। इंडिगो की नई दिल्ली की पहली फ्लाइट के पहले यात्री को अतिथियों ने बोर्डिंग सौंपा। इस दौरान एयरपोर्ट पर बतौर अतिथि कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, विधायक अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी, अजय विश्नोई, एयरपोर्ट डायरेक्टर कुसम दास, एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा, भाजपा नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर उपस्थित थे। कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े सांसद राकेश सिंह ने कहा कि वे जब वर्ष 2004 में सांसद बने थे, तो डुमना एयरपोर्ट से कोई उड़ान नहीं थी। उससे पहले सबसे अधिकतम 47 दिन ही फ्लाइट चली थी। जबलपुर का अब दूसरे शहरों से लगातार सम्पर्क बढ़ रहा है। हवाई सेवा विस्तार के लिए मुख्यमंत्री ने हमेशा सहयोग किया। पहले जो थोड़ी बहुत कठिनाई आती थी, वह अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के विमानन मंत्री बनने से नहीं होगी।
शुभारम्भ पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया बोले
– देश में वर्ष 2025 तक 1000 नए रूट एवं 100 नए हवाई अड्डे बनकर तैयार हो जाएंगे।
– जबलपुर सांस्कृतिक विरासत का केंद्र है। आध्यात्मिक, बौद्धिक क्षमता, प्राकृतिक सौंदर्य पहचान है।
– डुमना एयरपोर्ट का 421 करोड़ रुपए से विस्तार हो रहा है। ये अगले साल पूरा हो जाएगा।
– 10 हजार वर्गमीटर की टर्मिनल बिल्ंिडग बन रही है। ये आधुनिक सुविधाओं से युक्तहोगी।
– रनवे 1950 मीटर से बढ़ाकर 2750 मीटर का कर रहे है। बड़े एयरक्रॉफ्ट उतर सकेंगे।
तेज रफ्तार, ज्यादा जगह
नई दिल्ली के लिए शुरू नई उड़ान में बड़ा विमान (180 सीटर) है। अभी तक संचालित बाकी उड़ानों में एटीआर विमान उपयोग हो रहा था। इनके मुकाबले नई उड़ान में यात्री क्षमता लगभग दोगुनी है। रक्षाबंधन पर नोएडा से आए रूपेश के अनुसार पहले छोटे विमान में सिकुड़कर बैठना पड़ता था। लम्बे कद के लोगों को समस्या होती थी। एयरबस में दो सीटों के बीच ज्यादा जगह है। लगेज के लिए भी बड़ा स्थान है। विमान की गति भी ज्यादा है। इससे यात्रा आसान हो गई है।