जापान और सिंगापुर में बढ़ी यहां के मटर की मांग, अब जबलपुर की मटर की होगी ग्लोबल ब्रॉण्डिंग

जबलपुर जिले में फिलहाल निजी क्षेत्र की 2 मटर प्र-संस्करण यूनिट कार्यरत हैं।

<p>जापान और सिंगापुर में बढ़ी यहां के मटर की मांग, अब जबलपुर की मटर की होगी ग्लोबल ब्रॉण्डिंग</p>
जबलपुर. जबलपुर की स्वादिष्ट हरी मटर की मिठास केवल स्थानीय नागरिकों को ही नहीं, दूसरे राज्यों, यहां तक कि विदेशों में भी लोगों को लुभा रही है। जबलपुर की मटर की लोकप्रियता के चलते इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी पहल ‘एक जिला-एक उत्पाद” योजना के अंतर्गत चिन्हित किया गया है।
जबलपुर के कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मटर उत्पादन के वर्तमान रकबे में वृद्धि, अच्छे किस्म के बीजों की बोनी और मटर के प्र-संस्करण पर विशेष ध्यान दिया है। वे बताते हैं कि इसके विपणन नेटवर्क को व्यापक स्वरूप देकर जबलपुर की मटर की ग्लोबल ब्रॉण्डिंग भी की जा रही है। जबलपुर की मटर अपनी गुणवत्ता और मिठास के चलते देश की मण्डियों में हाथों-हाथ बिकती है। आलम यह है कि बड़े शहरों के बड़े व्यापारी किसानों से सीधे मटर खरीदकर इसकी बाहर सप्लाई कर रहे हैं। मटर की ज्यादा से ज्यादा मात्रा जिले में ही प्रसंस्कृत कर बाहर भेजने की भी योजना है।
वर्तमान में जबलपुर की मटर देश की नामचीन मण्डियों मुम्बई, हैदराबाद, भोपाल, नागपुर और रायपुर के अलावा सात समन्दर पार जापान और सिंगापुर के लोगों के व्यंजनों का जायका बढ़ा रही है। जबलपुर जिले में फिलहाल निजी क्षेत्र की 2 मटर प्र-संस्करण यूनिट कार्यरत हैं। जिले के भानु फार्म शहपुरा से साल में 5 से 8 हजार मीट्रिक टन मटर की प्रोसेसिंग की जाती है। यहीं से प्रोसेस्ड मटर सिंगापुर और जापान भेजी जाती है। दूसरी यूनिट फ्रोजन एग्रो इण्डस्ट्री औद्योगिक क्षेत्र उमरिया-डुंगरिया में स्थापित है।
जबलपुर के कलेक्टर ने मटर उत्पादक किसानों, उद्यमियों और मटर प्र-संस्करण इकाईयों के संचालकों के साथ बड़ी कार्यशाला कर ‘एक जिला-एक उत्पाद” योजना के तहत जिले में मटर की फसल के चयन की जानकारी दी और इसके व्यापक उत्पादन एवं मार्केट लिंकेज के संबंध में विस्तृत चर्चा की। जिले में मटर उत्पादक किसानों, प्रोसेसिंग यूनिट, थोक व फुटकर व्यापार से संबद्ध लोगों, निर्यातकों, कोल्ड स्टोरेज लगाने के इच्छुक उद्यमियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर सभी को एक प्लेटफार्म पर लाने की अभिनव पहल की गई है।
जबलपुर कलेक्टर बताते हैं कि मटर से लोगों को खेत से मण्डी तक काम मिलता है। मटर की तुड़ाई, ढुलाई और परिवहन के साथ-साथ सब्जी ठेला और रेहड़ी व्यापारियों को भी काम मिलता है। जिला प्रशासन मटर की प्र-संस्करण व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिये प्रयत्नशील है, ताकि रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हो। मुख्यमंत्री चौहान ने भी अपने एक ट्वीट में ‘एक जिला-एक उत्पाद” के तहत जबलपुर की मटर की ब्रॉण्डिंग एवं गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये कार्यशाला के आयोजन एवं कोल्ड स्टोरेज अधोसंरचना विकास की पहल को प्रशंसनीय बताया है।
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