रेलवे ने इसके लिए आउट सोर्सिंग के जरिया अख्तियार किया है। आउट सोर्सिंग के मार्फत ही हर लगेज को सैनिटाइज व और रैपिंग किया जाएगा। इसके लिए हर यात्री को 20 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इससे रेलवे को ढाई लाख रुपये सालाना की आय की उम्मदी जताई जा रही है।
कोरोना काल में जब दुनिया भर में कोरोना वायरस के न्यू स्ट्रेन (कोरोना वायरस की बदलती प्रकृति) के चलते हाहाकार मचा है, ऐसे में जबलपुर रेल मंडल ने अपने यहां आने व जाने वाले यात्रियों के लिए बड़ी सुविधा प्रदान करने के निर्णय लिया है। इसके तहत जबलपुर रेलवे स्टेशन में भी यात्रियों के सामान को सैनिटाइज करने की व्यवस्था बुधवार से शुरू हो रही है। यात्रियों के बैग को सैनिटाइज करने से साथ ही रैपिंग की जाएगी। अभी तक यह काम देश के चुनिंदा स्टेशन में ही होता रहा।
यहां बता दें कि कोरोना काल में रेल यात्रा के दौरान संक्रमण फैलने की आशंका सामानों से भी होती है। प्लेटफार्म से लेकर बोगी तक लगेज कई लोगों के संपर्क में आता है। कई हाथ लगने से उसके संक्रमित होने की आशंका ज्यादा रहती है। फिर इस संक्रमित लगजे से संबंधित यात्री के भी संक्रमित होने का खतरा बढ जाता है।
ऐसे में रेलवे ने तय किया है कि स्टेशन पर ही उनके बैग को सैनिटाइज कर रैपिंग की जाएगी। आउट सोर्सिगं से होने वाले इस काम के बदले जहां ठेकेदार को हर बैग से शुल्क के रूप में 20 रुपये मिलेंगे वहीं रेलवे को साल में ढाई लाख रुपये मिलेंगे। इसके लिए प्लेटफार्म क्रमांक एक के सर्कुलेशन एरिया में केबिन भी बना दिया गया है।