MP में अब कोरोना का साइड इफेक्ट, इन घातक बीमारियों के लक्षण मिलने से संकट बढ़ा

-कोरोना को मात देने वाले अन्य तकलीफों से परेशान

<p>corona side effects</p>
जबलपुर. कोरोना का कहर भले ही मद्धिम पड़ता नजर आ रहा है। देश में कोरोना वैक्सीन की डोज देने की तैयारी जोरशोर से चल रही है। इस बीच कोरोना के साइड इफेक्ट से लोग परेशान होने लगे हैं। कोरोना को मात दने वालों में तरह-तरह की शारीरिक परेशानियां घर करने लगी हैं।
सर्वाधिक असर फेफड़े पर पड़ रहा है। कोरोना के संक्रमण के खतरे से तो वो बच गए लेकिन बीमारी के दौरान कमजोर हुए फेफड़े उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत को बिगाड़ रहे हैं। ऐसे मरीज दोबारा इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने लगे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना का संक्रमण फेफड़ों को कमजोर कर रहा है, जिसके चलते स्वस्थ होने के बाद भी कुछ लोगों में पहले जैसी ताकत नहीं बची है। कुछ दूर तक पैदल चलने में उनका दम फूल रहा है। वहीं कुछ लोगों में कोरोना के साइड इफेक्ट के रूप में हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा सामने आया है।
फेफड़ों की कमजोरी के कारण कुछ लोगों में ऑक्सीजन स्तर ऊपर-नीचे हो हता है। इस संबंध में विक्टोरिया अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर सीबी अरोरा का कहना है कि, कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को खून पतला करने वाली दवाएं दी जाती हैं, क्योंकि वायरस शरीर पर कई तरह से हमला करता है, जो हर्ट अटैक करवा सकता है। हर्ट की नसों को ब्लॉक कर सकता है। संक्रमण के कुछ अंतराल बाद मरीज के शरीर में बनने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता कोरोना वायरस से स्वत: लड़ने लगती है। यही वजह है कि अन्य वायरस की तुलना में कोरोना का वायरस सेहत को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। कोरोना संक्रमित ज्यादातर मरीजों की मौत हार्ट अटैक, मायोकार्डिटिस के कारण हुई।
सुखसागर मेडिकल कालेज अस्पताल में कोविड-19 प्रभारी रहे डॉक्टर संजय मिश्रा ने कहा की कोरोना के संक्रमण से मुक्त होने के बाद कुछ लोग हृदय संबंधी समस्या सामने आई है, जिन्हें कोरोना से पहले हृदय रोग नहीं था। जांच में खून में थक्के जमने का पता चला। एंजियोग्राफी में नसों में ब्लॉकेज मिले। संक्रमण के कारण फेफड़े कमजोर होने से कुछ मरीजों को सांस लेने में तकलीफ सामने आई। कोरोना का संक्रमण से ठीक हुए कुछ लोगों में दिल के साथ दिमाग व किडनी पर संक्रमण का विपरीत प्रभाव दिखाई दिया। कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद लिवर व किडनी की बीमारियों से पीड़ित लोगों की समस्या बढ़ गई है।
डॉक्टर अंकित सेठ एमडी, ने कहा की कोरोना हृदय को नुकसान पहुंचा रहा है। संक्रमित अधिकांश मरीजों की मौत वायरल मायोकार्डिटिस से हुई। कोरोना वायरस का संक्रमण हृदय की मसल्स पर हमला कर उन्हें ढीला कर देता है। हृदय के सिकुड़ने की क्षमता प्रभावित हो जाती है जो हार्ट अटैक का कारण बनती है। कोरोना का संक्रमण के उपचार में विलंब नहीं करना चाहिए। ताकी हृदय की मसल्स खराब न हों व खून में ऑक्सीजन की कमी न होने पाए। कोरोना संक्रमण की वजह से होने वाली मायोकार्डिटिस में दिल की मांसपेशियों में सूजन आती है।
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