जज साहब भी हुए हैरान
भूत बनकर नोट डबल करने का मामला जब एमपी हाईकोर्ट में पहुंचा तो एक बारगी जज साहब भी हैरान रह गए। जस्टिस राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव की सिंगल बेंच के समक्ष जब यह बात आई कि आरोपी भूत हैं, तो कोर्ट में मौजूद सभी अधिवक्ता हैरत में पड़ गए। सुनवाई पूरी होने पर स्थिति स्पष्ट होने पर पता चला कि मामला ठगी का है।
भूत को दिया रुपयों से भरा बैग
अभियोजन के अनुसार आदेगांव जिला सिवनी निवासी नरेश मसकोले ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बाजार में उसे एक व्यक्ति ने उससे कहा कि वह नोट डबल करना जानता है। लालच में नरेश उसके साथ सुनसान जगह पर गया। करीब एक घंटे पूजा करने के बाद एक भूत दिखा। उस व्यक्ति ने भूत को रुपए से भरा बैग दिया। भूत ने उसे नोट डबल करके दे दिए और अदृश्य हो गया। इस दृश्य को देखकर 12 जुलाई 2018 को वह एक लाख 51 हजार रुपए लेकर उस व्यक्ति के साथ फि र वीरान जगह पर गया। पूजा करने के बाद नोटों से भरा बैग उसने भूत को दे दिया ।
फिर नहीं लौटा भूत
नरेश के अधिवक्ता ने बताया कि नरेश भूतों को रुपया देने के बाद उनका इंतजार करता रहा। उसे उम्मीद थी कि रुपयों को डबल करके भूत जल्द ही वापस आ जाएगा लेकिन वह लौटकर नहीं आया। इसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा। नरेश ने थाने में एफआईआर दर्ज कराकर पुलिस से मामलें की जांच की मांग की।
सामने आया ये राज
शिकायतकर्ता नरेश के मामले की जांच के आधार पर पुलिस ने उसके गांव के ही भागचंद चौकसे, गणेश गोसाई और गुट्टूलाल गोसाई को हिरासत में लिया। उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई तो चौंकाने वाला सच सामने आया। यह बात खुलकर सामने आई कि भागचंद चौकसे, गणेश गोसाई और गुट्टूलाल गोसाई ने ही भूत और भूतों के द्वारा रुपए डबल करने के ड्रामे की व्यूहरचना रची थी। उन्होंने ही नरेश को मोहजाल में फांसकर यह भरोसा दिला दिया था कि भूत पैसों को डबल कर देता है। नरेश के द्वारा डबल करने के नाम पर भूत के लिए छोड़े गए रुपयों को इन्हीं तीनों ने मिलकर हड़प लिया। पुलिस ने भागचंद चौकसे, गणेश गोसाई और गुट्टूलाल गोसाई को धारा 420 और 120 बी के तहत 30 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इन्हीं तीनों को वह भूत बताया जा रहा था, जो रुपयों को डबल कर देते थे। ये पिछले काफी समय से जेल में ही बंद थे।
भूतों को मिली जमानत
तीनों पेशी पर आए तो अधिवक्ताओं ने उनका जमकर आनंद लिया। अधिवक्ता जयंत नीखरा ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता भी गलत मंशा से नोट डबल कराना चाहता था। उसकी भी नीयत साफ नहीं थी। इसलिए सुनवाई के बाद न्यायालय ने तीनों आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए। इन्हीं तीनों को भूत मानकर लोग देखने के लिए भी पहुंच गए थे।