No tension: बिगड़ गया है result तो यहां मिलेगी नई energy, ये बताएंगे तरक्की के नए रास्ते

No tension: बिगड़ गया है result तो यहां मिलेगी नई energy, ये बताएंगे तरक्की के नए रास्ते
 

<p>No tension: poor result in exam, don&#8217;t worry she make new energy</p>

जबलपुर। लॉकडाउन, बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट और अकेलापन सिटी यंगस्टर्स में डिप्रेशन बढ़ा रहा है। अधिकतर युवाओं के माता पिता इस बात को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं कि उनका बच्चा कहीं कोई गलत कदम न उठा ले। ऐसे में वे साइकोलॉजिस्ट से सलाह ले रहे हैं। खासकर जिन यंगस्टर्स और स्टूडेंट्स के रिजल्ट उनके मन मुताबिक नहीं आए हैं वे सबसे ज्यादा संख्या में पहुंच रहे हैं।

हार न मानें, प्रयास जारी रखें
जीवन में आप कुछ नहीं कर रहे है उस समय भी आप कुछ कर रहे होते हैं। वह आपका अपना अनुभव होता है। जो आपके निकट भविष्य में काम आएगा और आपको पहले से बेहतर इंसान बनाएगा। ताकि आने वाली विषम और विपरीत परिस्थितियों के लिए आप तैयार रहें। इसलिए कभी हार ना मानें प्रयत्नशील रहें।

 

साइकोलॉजिस्ट की मदद लें
बोर्ड के रिजल्ट्स, जॉब, लॉकडाउन, रिलेशनशिप आदि के चलते स्ट्रेस, टेंशन,एंजाइटी हो सकती है उससे डरे नहीं। अपने परिवार या मित्र से बात करें। अगर वह समझ नहीं पा रहे हों, तब आप ऐसे व्यक्ति से बात करें जो आपको समझ सके या आप साइकोलॉजिस्ट की मदद भी ले सकते हैं । तनाव से जूझ रहे यंगस्टर्स के लिए परिवार और समाज की जिम्मेदारी है कि वे तारीफ करे बच्चों की और गलती करने पर बच्चों को डांटे भी। किंतु उनका मनोबल ना तोड़ें। उन्हें इमोशनल सपोर्ट दें ताकि वह अपने मन की बात आपसे नि:संकोच शेयर कर सके।

सफलता के लिए प्रेरित करें
साइकोलॉजिस्ट नेहा शर्मा के अनुसार ऐसे यंगस्टर्स की काउंसलिंग कर उन्हें फिर से प्रयास कर सफलता पाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, साथ में माता पिता को भी उचित मार्गदर्शन देकर एक गलत दिशा या कहें गलत कदम बढ़ाने से रोक पा रहे हैं।

अपने परिवार के साथ अधिक समय व्यतीत करें ।
आप नए स्किल सीख सकते हैं और पुराने स्किल इम्प्रूव कर सकते हैं।
पेशेंस रखें,किसी भी कार्य को लेकर जलदबाजी ना करें।
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए मेडिटेशन और एक्सरसाइज करें।
फैमिली ऐसे करे सपोर्ट
ऐसी एक्टिविटीज प्लान करें जिसमें पूरा परिवार शामिल हो। उदाहरण के लिए एक साथ लंच या डिनर कर सकते हैं।
हरी सब्जियों और फलों के सेवन जैसी अच्छी आदतों को दिनचर्या में स्थान दें।
परिवार के सदस्यों का सहयोग करें।
अफवाहों से बचें और एक दूसरे का मनोबल बढ़ाएं।
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