जादू-टोने के संदेह में भतीजे ने की चाचा की हत्या

-जबलपुर के मनेरी में हुई थी घटना, पांच माह बाद पुलिस ने सुलझाइ हत्या की गुत्थी

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जबलपुर.
मनेरी फैक्ट्री से लौटते समय गौमुख तिराहा नाले के पास की गई साइकिल सवार बिलगड़ा निवासी रामकुमार पटेल (५५) की हत्या की गुत्थी पुलिस ने पांच महीने बाद सुलझा ली। रामकुमार की हत्या उसके भतीजे प्रदीप पटेल ने जादू-टोने के संदेह में कुल्हाड़ी से की थी। पुलिस ने प्रदीप को गिरफ्तार करते हुए हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी जब्त कर ली। एएसपी संजीव उईके और एएसपी शिवेश सिंह बघेल ने सोमवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि संदेह न हो, इसके लिए आरोपी चाचा के पीएम से लेकर अंत्येष्टी सहित हर कार्यक्रम में शामिल हुआ।
एएसपी बघेल ने बताया कि रामकुमार मनेरी में काम करता था। २९ अगस्त २०१९ को दोपहर दो से रात्रि १० बजे तक उसकी ड्यूटी थी। ११ बजे तक वह घर नहीं पहुंचा तो घरवालों ने समझा कि ओवरटाइम कर रहे होंगे। ३० अगस्त को सुबह गौमुख नाले के पास रामकुमार पटेल की रक्तरंजित लाश मिली। सिर, गर्दन व पीठ में कई घाव थे। दोनों पैर साइकिल में फंसे हुए थे। पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर मामला जांच में लिया था।
१० हजार का घोषित था इनाम
हत्या के खुलासे के लिए एसपी ने १० हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। विवेचना में पता चला कि रामकुमार के बड़े भाई रामफल पटेल के बेटे मंजीत की मृत्यु हो गई थी। रामफल भी बीमार रहता था। इसे लेकर रामकुमार पर रामफल और उसका बेटा प्रदीप जादू टोना करने का संदेह करने लगे थे। इसे लेकर प्रदीप ने कई बार रामकुमार को धमकी भी दी थी।
हिरासत में लेने के बाद उगला राज
बरेला टीआई सुशील चौहान ने बताया कि हिरासत में पूछताछ में संदेही प्रदीप पटेल ने चाचा रामकुमार पटेल की हत्या की बात स्वीकार की। बताया कि २९ अगस्त की रात १०.३० बजे वह गौमुख तिराहा के पास पहुंच कर चाचा के लौटने का इंतजार करने लगा। आते ही उसने कुल्हाड़ी से गर्दन, सिर, कंधे, चेहरे व पीठ पर ताबड़तोड़ कई वार कर उसे मार डाला। कुल्हाड़ी को गौर नदी के किनारे रामकृष्ण मंदिर के पीछे झाडि़यों में छिपा कर भाग गया था।
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