कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए केंद्र व राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन आवश्यक माना गया है। आदेश में सीमित कामकाज के दौरान भी सभी अदालत परिसरों में ई-फाइलिंग आदि कार्य पूरी सावधानी से करने पर जोर दिया गया है।
बता दें कि इससे पूर्व हाई कोर्ट के आदेश पर गठित विशेष समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण के बीच अदालतों को पूरी तरह खोले जाने की अनुशंसा नहीं की थी। इस पर गौर करने के बाद 15 अगस्त तक के लिए सीमित कामकाज की व्यवस्था दे दी गई थी। राज्य की अदालतों के कुछ न्यायाधीशों, कुछ न्यायिक कर्मियों सहित अन्य के कोरोना पॉजिटिव निकलने व होम क्वारंटाइन होने की जानकारी को लेकर हाई कोर्ट बेहद गंभीर है। वह किसी तरह का खतरा मोल लेने की स्थिति में नहीं है।