क्या ये है विकास मॉडलः 13 साल गुजर गए पर नहीं पूरा हो सका सीवर निर्माण

-सीवर निर्माण कार्य के लिए भी कोर्ट को देनी पड़ी व्यवस्था

<p> sewer line</p>
जबलपुर. क्या ये है विकास का मॉडल। 13 साल किसी भी योजना को पूर्ण करने के लिए कम नहीं होते पर यहां तो उससे भी ज्यादा का वक्त गुजर गया पर एक अदद सीवर लाइन बिछाने का काम पूरा नहीं हो सका। अब इसके लिए भी लोगों को न्यायालय का दरवाजा खटखटना पड़ा। कोर्ट ने भी गंभीर रुख अपनाते हुए इस काम की जांच मुख्य तकनीकी परीक्षक से कराने की व्यवस्था दी। हालांकि जांच कार्य अभी भी शुरू नहीं हो सका है।
बता दें कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव की अध्यक्षता वाली डबल बेंच के समक्ष कोर्ट मित्र के रूप में अधिवक्ता अनूप नायर व जनहित याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जबलपुर में सीवर लाइन बिछाने का काम कच्छप गति से चल रहा है। सीवर लाइन कार्य में शिथिलता के चलते सड़क निर्माण भी मनमाने तरीके से चल रहा है। हाल ये है कि एक दशक से भी अधिक की अवधि बीतने के बावजूद सीवर लाइन का कार्य प्रथम चरण में ही अटका है। अब तक महज 30 फीसद काम ही पूर्ण हो सका है। 400 करोड़ से अधिक राशि खर्च हो गई लेकिन शहरियो को अब भी बेहतर सीवर लाइन की सुविधा नहीं मिल सकी।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना की कि सीवर लाइन बिछाने के तकनीकी पहलू की बारीकी से जांच हो। कोर्ट ने तर्क से सहमत होकर मुख्य तकनीकी परीक्षक की रिपोर्ट तलब कर ली। इससे पूर्व सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने जबलपुर के सीवर लाइन कार्य की निगरानी के लिए विशेष समिति गठित किए जाने की आवश्यकता को महसूस करते हुए जनहित याचिकाकर्ता, कोर्ट मित्र सहित अन्य से सदस्यों के नाम मांगे। इसके लिए दो बार समय भी दिया गया। लेकिन इसी बीच सीवर लाइन के तकनीकी पहलू पर गौर करने के बाद कोर्ट ने मुख्य तकनीकी परीक्षण से जांच संबंधी नवीन व्यवस्था दे दी। ऐसे में उपभोक्ता मंच ने मुख्य तकनीकी परीक्षक से शीघ्र जांच की मांग की है।
बता दें कि कोर्ट में हुई चर्चा के दौरान राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा ने समय दिए जाने पर बल दिया था। कोर्ट ने यह मांग मंजूर कर लिया था। यह मामला हाई कोर्ट के संज्ञान में लाया था, जबलपुर के कांग्रेस नेता सौरभ नाटी शर्मा ने एक जनहित याचिका के मार्फत। अब नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर ने सीवर निर्माण में अनियमितता को लेकर मुख्य तकनीकी परीक्षक की जांच रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत किए जाने की मांग की है। ह
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