दरअसल जिस तरह से महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, अमरावती में हालात बिगड़े हैं, अमरावती में तो फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया है। इधर मध्य प्रदेश के इंदौर में भी लगातार कोरोना संक्रमितों की तादाद में वृद्धि दर्ज की जा रही है। ऐसे में जबलपुर प्रशआसन का चिंतित होना लाजमी है। जानकारों का कहना है कि कोरोना हिस्ट्री पर नजर डालें तो पता चलेगा कि मुंबई और इंदौर से शहर की कनेक्टिविटी ज्यादा होने के चलते हर बार 14- 15 दिन के बाद कोरोना का स्ट्रेन जबलपुर पहुंचा है। ऐसे में फिर से इतिहास दोहराया जाए तो बड़ी बात नहीं होगी। ऐसे में सतर्कता बेहद जरूरी है।
वैसे शहर के लिए अच्छी बात है कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा दहाई के नीचे है। जिले में अब तक कुल 16523 व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जबकि 16140 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, जिले में अब तक कुल 252 मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। वहीं रिकवरी रेट अब 97. 68 है। ऐसे में फिलवक्त तो शहर के लिए तसल्ली करने वाली स्थिति है। लेकिन, कोरोना की थर्ड वेव के चलते स्वास्थ्य विभाग की नींद जरूर उड़ गई है।
अगर बाद देश की करें तो एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे है। पिछले 28 दिन बाद कोरोना के नए केस ने 14 हजार के आंकड़े को छू लिया है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक और डराने वाली खबर सामने आई हैॆ. एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने आशंका जताते हुए कहा है कि भारत में कोरोना का नया स्ट्रेन पहले से ज्यादा संक्रामक हो सकता है. डॉ. गुलेरिया ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के प्रति हर्ड इम्युनिटी बनने की बात एक मिथक है, क्योंकि इसके लिए देश की 80 फीसदी आबादी में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी डेवलेप होनी चाहिए.