बता दें कि भारतीय सेना अब तक ऑप्टिकल फाइबर टेक्नोलॉजी पर काम कर रही थी। लेकिन अब बहुत जल्द देश की सेना को जल्द माइक्रो वेव सिस्टम मिलने जा रहा है। इसी माइक्रो वेव सिस्टम से भारतीय सेना के उच्च पदाधिकारियो को प्रशिक्षित करने के लिए जबलपुर में प्रशिक्षण शुरू हो गया है। इस नए माइक्रोवेव तकनीक के मार्फत जवान आपस में रणनीतिक बातचीत तो करेंगे लेकिन उनकी ये बातें, उनकी आवाज दुश्मन तक नहीं पहुंच पाएगी। दुश्मन राष्ट्र की सेना का भनक तक नहीं लगने पाएगी कि भारतीय सेना की क्या रणनीति है और वह किस तरह से उनकी नाकेबंदी करने जा रही है। फिलहाल भारत की पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर यह कम्यूनिकेशऩ सिस्टम काम करना शुरू कर देगा।
यह प्रशिक्षण जबलपुर के भीमराव अम्बेडकर इंस्टिट्यूट ऑफ टेलीकॉम ट्रेनिंग में शुरू हो गया है। इसमें सर्वप्रथम आईटीबीपी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस नई तकनीक की जानकारी हासिल करने के बाद भारतीय सेना के अफसरों की बातचीत बेहद गोपनीय हो जाएगी। सेना की रणनीति के बारे में किसी को भनक भी नहीं लग सकेगी। इसके तहत ऑप्टिकल फाइबर और मोबाइल कम्युनिकेशन सिस्टम को माइक्रोवेव के रूप में बदल दिया जाएगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि माइक्रोवेव के जरिए होने वाले कम्युनिकेशन को किसी भी हाल पर ट्रैक करना असंभव है।