नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे, रजत भार्गव की ओर से जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि राज्य सरकार ने 20 जुलाई को अध्यादेश जारी कर प्रदेश की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया है। इस अध्यादेश से अवैध कॉलोनी बनाने वालों को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही अवैध कॉलोनी बनाने वाले बच जाएंगे। मंगलवार को सरकार की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई कि इस मामले में नगरीय प्रशासन विभाग को पक्षकार नहीं बनाया गया है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर नगरीय प्रशासन विभाग को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट ने पूछा कि केंट बोर्ड की ओर से प्रवेश कर की वसूली कैसे की जा रही है? चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने केंट बोर्ड को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा। जबलपुर के सदर निवासी अधिवक्ता साहिल अग्रवाल की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि केंट बोर्ड की ओर से सात जगह नाके लगाकर अवैध वसूली की जा रही है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में प्रवेश कर को जीएसटी में मर्ज कर दिया है। इसके बाद भी प्रवेश कर की अवैध तरीके से वसूली की जा रही है। तर्क दिया गया कि केंट बोर्ड की प्रवेश कर वसूली पर रोक लगाई जाए।