गुजरात पुलिस की आठ सदस्यीय टीम न केवल अधारताल आशा नगर निवासी सपन जैन बल्कि रीवा निवासी सुनील मिश्रा और इंदौर में गिरफ्तार सुरेश यादव को भी लेकर जबलपुर पहुंची है। गुजरात पुलिस मोखा के ट्रांजिट रिमांड भी साथ लाई है। टीम ने यहां पहुंच कर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा से मिली। एसपी के निर्देश पर सीएसपी ओमती टीम के सहयोग में जुटे रहे। टीम ने जिला कोर्ट से मोखा को साथ ले जाने के लिए गुजरात कोर्ट द्वारा जारी ट्रांजिट रिमांड प्रस्तुत किया।
गुजरात पुलिस मामले में गिरफ्तार सपन जैन और सुनील मिश्रा से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर सर्चिंग भी करेगी। पुलिस सूत्रों की मानें तो टीम को कुछ नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन छुपा कर रखने की जानकारी मिली थी। सपन जैन के माध्यम से मोखा ने 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदे थे, जो एक ही बैच नंबर 246039-A डाला गया था।
गुजरात पुलिस ने सूरत स्थित मोरबी फार्म हाउस में नमक और ग्लूकोज के मिश्रण से तैयार नकली इंजेक्शन के कारोबार का खुलासा किया था। ये फार्म हाउस कौशल वोरा व उसके पार्टनर पुनीत शाह का है। आरोपियों ने मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, राजस्थान व एमपी में एक लाख से अधिक नकली इंजेक्शन खपाने की बात अब तक कबूली है।
इधर स्थानीय पुलिस प्रशासन पर आरोप लग रहे हैं कि पहले माइनर अटैक फिर कोरोना संक्रमित होकर अपने अस्पताल में भर्ती सरबजीत मोखा को बचाने का खेल जारी है। एक बार फिर उसका रिपील आरटीपीसीआर टेस्ट पॉजिटिव आया है। इस बार उसका सेम्पल वायरोलॉजी लैब भेजा गया था। हालांकि गुजरात पुलिस इसके बावजूद उसे ले जाना चाहती है।
“गुजरात पुलिस की हर संभव मदद करने के निर्देश सीएसपी ओमती को दिए हैं। उन्हें कुछ कोर्ट में सहयोग चाहिए था, वो भी मुहैया कराया गया है। कुछ इनपुट भी टीम को चाहिए थे, वो दिया गया है। हमें भी गुजरात पुलिस से कुछ इनपुट चाहिए। इसके लिए हम भी उनकी मदद ले रहे हैं।”-सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी, जबलपुर