घटना की चश्मदीद गवाह घरों में झाड़ू-पोंछा का काम करने वाली माया चौधरी का कहना है कि रविवार की रात लगभग 8 बजे दुर्गा मंदिर के पास तीन लड़के अर्जुन चौधरी, कार्तिक उर्फ बिट्टू, सुशील उर्फ सुमित कोल खड़े थे। तीनों के बीच किसी बात को लेकर बहस हो रही थी। माया ने तीनों को बहसबाजी न करने की सलाह दी तो वे वहां से चले गए। लेकिन कुछ दूर जाकर फिर से आपस में विवाद करने लगे। इस बीच कार्तिक उर्फ बिट्टू ने अर्जुन चौधरी का हाथ पकड़ा और अपने साथी सुशील कोल से कहा कि आज इसे मौत के घाट उतार देते हैं। देखते ही देखते वो एक-दूसरे के दुश्मन बन गए और दो दोस्तों ने मिलकर तीसरे पर चाकू से हमला कर दिया।
सुशील ने जेब से चाकू निकाला और अर्जुन पर जानलेवा हमला कर दिया, जिससे वह बुरी तरह से घायल होकर जमीन पर गिर गया। वह मदद के लिए गुहार लगाने लगा। इस दौरान मोहल्ले वाले उसकी ओर दौड़े। मोहल्ले के लोगों को आता देख हमलावर मौके से भाग निकले। इधर घायल अर्जुन को क्षेत्रीय लोगों ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। सिविल लाइन पुलिस ने माया बाई चौधरी की रिपोर्ट पर केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।