यहां के आम लोगों का कहना है कि निगम के जिम्मेदार इस समय तानाशाही रवैया दिखा रहे हैं। वे सार्वजनिक स्थलों का विकास तो कराते नहीं, लेकिन मनमर्जी का शुल्क वसूलने लगते हैं। गुलौआ ताल यहां के रहवासियों के लिए सुबह-शाम की सैर करने के लिए उपयुक्त स्थल है। लेकिन, जिम्मेदारों ने तो बुजुर्गों और बच्चों के भी प्रवेश पर शुल्क थोप दिया है। जबकि, यहां पर मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराई गई हैं।