जबलपुर . देश की सबसे ताकतवर तोप ‘धनुष’ की खूबियों को रविवार को पूरी दुनिया ने देखा। गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में राजपथ पर रक्षा उत्पादों की झांकी में इसे शामिल किया गया। 38 किमी की दूरी तक गोला बरसाने वाली तोप की क्षमताओं की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा विशेषज्ञों ने सराहना की। धनुष तोप शहर की गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में तैयार की गई है। राजपथ पर कोर ऑफ सिग्नल की तरफ से कैप्टन तानिया शेरगिल ने भी जबलपुर का गौरव बढ़ाया। वे पुरुष टुकडिय़ो में परेड एडजुडेंट के रूप में शामिल हुईं।
26 जनवरी को देश के गणतंत्र दिवस समारोह में जबलपुर छाया रहा। 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप की ताकत के बारे में जब बताया गया तो तालियां बज उठीं। यह पहला मौका था जब इस तोप को गणतंत्र दिवस परेड में औपचारिक रूप से शामिल किया। जबलपुर से दो तोप दिल्ली भेजी गई थीं। 93 फील्ड रेजीमेंट के कैप्टन मृगांक भारद्वाज के नेतृत्व में धनुष तोप के काफिले ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सलामी दी। सेना के वाहन से दोनों तोप को झांकी में लाकर दर्शकों को दिखाई गई। इससे पहले भी धनुष तोप का प्रोटोटाइप परेड में शामिल किया था लेकिन पिछले साल 8 अप्रैल को इस तोप को औपचारिक रूप से सेना को सौंपा गया था। जीसीएफ में हुए समारोह में एक साथ छह तोप सेना के सुपुर्द की गई थीं।
पहली महिला परेड एडजुटेंट बनीं तानिया
गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर परेड में कोर ऑफ सिग्नल के सैन्य दल ने भागादारी की। कोर ऑफ सिग्नल की तरफ से कैप्टन तानिया शेरगिल ने सभी पुरुष टुकडिय़ों का परेड एडजुटेंट के रूप में नेतृत्व किया। वह पहली महिला परेड एडजुटेंट हैं। जब वह राजपथ पर अपनी टुकडिय़ों के साथ आईं तो सभी ने उनका जमकर स्वागत किया। सम्मान में तालियां बजाईं। परेड में कोर आफ सिग्नल के सैन्य दल में एक अधिकारी, 2 जूनियर कमीशनेड अधिकारी और 146 जवान शामिल हैं। दल के सभी सदस्यों को वन सिग्नल टे्रनिंग सेंटर (वनएसटीसी) जबलपुर में एकत्र कर दिल्ली में तैयारियों के लिए भेजा गया था। वनएसटीसी के कमांडेंट ब्रिगेडियर राजीव सिंह और वरिष्ठ अधिकारियों ने इस दल के प्रदर्शन को सराहा।