हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए, जिनमें साइबर अपराधियों ने वीडियो कॉल कर स्क्रीन रेकॉर्डर के जरिए यूजर का स्क्रीन रेकॉर्ड कर पैसों की मांग की। मांग पूरी नहीं होने पर सोशल नेटवर्किंग अकाउंट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के यूआरएल भेजे जाते हैं। स्टेट साइबर सेल जबलपुर को 01 से 31 जनवरी तक 106 शिकायतें भेजी गईं वही 01 फरवरी से 23 फरवरी तक 53 शिकायतें भेजी गईं है।
गम्भीर अपराध है चाइल्ड पोर्नोग्राफी
चाइल्ड पोर्नोग्राफी संज्ञेय और गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है। यह प्रतिबंधित है। इसमें दस साल तक की सजा का प्रावधान है। यदि इंस्ट्राग्राम, फेसबुक, मैसेंजर और वॉट्सऐप यूजर ऐसे किसी यूआरएल को ओपन करता है, तो एफबी यूजर के नाम, आइपी एड्रेस, उसके मोबाइल नम्बर और जीमेल एड्रेस के साथ स्टेट साइबर सेल को शिकायत भेजता है। शिकायत पर यूआरएल खोलने वाले पर एफआइआर दर्ज की जा सकती है।
स्टेट साइबर सेल के निरीक्षक विपिन ताम्रकार ने बताया कि साइबर ठगी करने वाले लोगों को फंसाने के लिए नए-नए पैंतरे अपनाते हैं। वे किसी भी नम्बर पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी का यूआरएल भेजते हैं। फेसबुक इसे ओपन करने वाले की शिकायत स्टेट साइबर सेल को भेजता है। दो माह में ऐसे 150 से अधिक मामले सामने आए हैं।
– फेसबुक पर अज्ञात की रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।
– मैसेंजर, वॉट्सऐप पर अज्ञात नम्बर से वीडियो कॉल आने पर रिसीव न करें ।
– तत्काल आइडी ब्लॉक कर दें ।
– अज्ञात आइडी से आए यूआरएल ओपन न करें।