सबसे सुखद यह रहा कि 16 जनवरी से 30 जनवरी तक कुल नौ दिनों तक चले पहले चरण के टीकाकरण में कहीं से किसी गंभीर साइड इफेक्टर की खबर नहीं मिली। इस दौरान 27 हजार 536 लोगों को टीकाकरण के लिए मैसेज भेजे गए। इनमें से 15 हजार 764 हेल्थ कर्मियों ने ही टीका लगवाया। 33 प्रतिशत लोग अभी शेष हैं। हालांकि स्वस्थ्य विभाग ने पहले चरण में किन्हीं कारण से टीका लगवाने से वंचित रह गए लोगों को 3 फरवरी को आखिरी मौका दिया है। इसके बाद उनके नाम पोर्टल से हट जाएंगे। वहीं तीन बार मैसेज देने के बाद भी बिना कारण बताए टीका नहीं लगवाने वालों को अब मौका नहीं मिलेगा। वैसे जानकारी के मुताबिक पहले चरण में करीब आठ हजार ऐसे लोग हैं जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है। इन्होंने मैसेज का कोई सटीक जवाब भी नहीं दिया है। लिहाजा इन्हें अब सरकार की ओर से चल रहे मुफ्त टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि ऐसे स्वास्थ्यकर्मी जो बुखार, प्रसव, गर्भवती, स्तनपान या अन्य किसी बीमारी और आकस्मिक कारणों से टीका लगवाने नहीं पहुंचे थे, उन्हें ही तीन फरवरी को टीका लगवाने का अंतिम मौका दिया जाएगा।
“अब 6 फरवरी से शुरू होने वाले दूसरे चरण में नगर निगम के सफाई कर्मी व स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को टीका लगाया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।” -डॉ. शत्रुघन दाहिया, जिला टीकाकरण अधिकारी