‘संक्रमित की सेवा को ही माना धर्म’
कोरोना संकट काल में इन युवाओं ने संक्रमित की सेवा को ही धर्म माना। मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर के साथ मिलकर न केवल कोरोना संक्रमित का सुरक्षित तरीके से अंतिम संस्कार किया। बल्कि मृतक की धार्मिक परंपरा की पालना में भी सहयोग किया। जाति-धर्म के भेद से ऊपर उठकर हर वर्ग के कोरोना मरीज-परिजन को मदद पहुंचाई। छोटी-छोटी नौकरी और प्रतिदिन कमाने खाने वाले इन युवाओं की आय कम भले ही है, लेकिन कोरोना से पीडि़त लोगों की मदद में इनसे आगे कोई नहीं है। इन युवाओं की मदद से अभी तक करीब दो सौ कोरोना संक्रमित शव का अंतिम संस्कार किया गया है।