जबलपुर। कहने को जबलपुर नगर निगम के अमले ने शहर में भूमाफियाओं के रूप में चिह्नित रसूखदारों के अवैध भवनों को ढहाने की पूरी तैयारी की। यहां के रसल चौक में ऐसी घेराबंदी की गई कि देखने वाले ठिठक गए। यहां के रज्जाक के जर्जर भवन को तोडऩे के लिए पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया। जिला प्रशासन और नगर निगम के आला अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या पुलिस बल की तैनाती की गई। सुबह 7.30 से लेकर 9.30 बजे तक पूरा इलाका छावनी नजर आ रहा था। प्रशासन के अधिकारी कार्रवाई के लिए आगे बढ़े तो भवन मालिक व किरायदार कोर्ट का स्टे आर्डर ले आए। इस दौरान निगम के अधिकारियों व भवन के किरायेदारों के बीच कुछ देर तक कहासुनी भी हुई। आखिरकार न्यायिक अभिमत लेने का निर्णय लेकर माफिया दमन दल बैरंग लौट गया।
माफिया दमन दल दूसरी कार्रवाई करने बेलबाग पहुंचा। गांजा, स्मैक का धंधा करने के आरोपी बबलू सोनकर का मकान तोड़ा जाना था। पूरे लाव लशकर के साथ दल मौके पर पहुंचा। बुलडोजर लेकर पहुंचे दल में बड़ी संख्या में प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारी शामिल थे। माफिया बबलू ने संपत्ति के दस्तावेज प्रस्तुत कर मोहलत मांगी। अधिकारी उससे बोले की संपत्ति के दस्तावेज तहसील कार्यालय में भी प्रस्तुत करे और वापस लौट गए। बबलू पर शहर के अलग-अलग थानों में एनडीपीएस, मारपीट, चाकूबाजी समेत 12 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। जिले में माफिया के विरुद्ध कई बड़ी कार्रवाई के बाद अब दमन दल ज्यादातर जगह से बैरंग लौट रही है। ऐसे में माफिया दमन दल की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। 2 फरवरी को भी निगम प्रशासन का अमला राइट टाउन स्टेडियम के समीप स्थित भवन के अवैध हिस्से को तोडऩे पहुंचा था, लेकिन भवन स्वामी महेन्द्र चौबे को मोहलत देकर खाली वापस लौट गया था। माफिया दमन दल के कार्रवाई करने की जगह लगातार बैरंग लौटने को लेकर सवाल उठ रहे हैं।