नगर निगम और छावनी परिषद के वार्डों तक बढ़ा दायरा
15 दिन में पॉजिटिव की संख्या दोगुनी, 50 वार्ड में पहुंच गया कोरोना संक्रमण
लापरवाही पड़ रही भारी
प्रदेश में सबसे पहले शहर में कोरोना की दस्तक हुई। लेकिन लोगों के संयम और सहयोग से संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित कर लिया गया। लॉकडाउन अवधी में 31 मार्च तक संक्रमण काबू में रहा। अनलॉक 1.0 और दूसरे प्रदेशों से आवाजाही शुरु होने के साथ ही संक्रमण के मामले बढऩे लगे। उसके बाद भी जून तक स्थिति प्रदेश और देश के अन्य शहरों के मुकाबले बेहतर रही। लेकिन बाजारों में लगातार भीड़, शादी-पार्टी में चोरी-छिपे अनुमति से ज्यादा लोग शामिल होने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को आम लोगों के तार-तार करने से हालात बिगड़ गए। सडक़ों पर कई लोग बिना मास्क के उतर आए। हाथ धोने और सेनेटाइजेशन में कोताही के साथ ही कोरोना संदिग्धों के क्वारंटीन होने के बजाय घर से बाहर घूमने-फिरने से वायरस का ट्रांसमिशन बढ़ता चला गया। इसी का नतीजा है कि पूर्व संक्रमितों की कोरोना चेन ब्रेक नहीं हो रही है।
कोरोना का प्रसार तेजी से हो रहा है। सोशल डिस्टेसिंग की पालना जिस प्रकार से होना चाहिए, उस प्रकार की सख्ती नहीं है। सभी को यह समझना होगा कि हम एक-दूसरे से निर्धारित दूरी रखकर ही कोविड-19 संकमण से सुरक्षित रह सकते है। घर से बाहर जो भी निकल रहे है उन्हें अच्छी तरह से मास्क लगाने के साथ बार-बार हाथ धोना आवश्यक है।
– डॉ. जितेन्द्र भार्गव, डायरेक्टर, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन, मेडिकल कॉलेज