बढ़ते संक्रमण के बीच Corona vaccination की रफ्तार धीमी

-स्वास्थ्य विभाग की खामियां भी Corona vaccination की धीमी रफ्तार को जिम्मेदार

<p>कोरोना टीकाकरण</p>
जबलपुर. बढ़ते संक्रमण के बीच Corona vaccination की रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी पाई जा रही है। माना जा रहा है कि इसके लिए कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग भी जिम्मेदार है। हाल यह है कि अब तक 68 फीसद स्वास्थ्यकर्मी ही कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज ले पाए हैं।
जिला टीकाकरण अधिकारी शत्रुघन दाहिया का कहना है कि मेडिकल, जिला अस्पताल विक्टोरिया और मनमोहन नगर में दूसरे डोज के लिए छूट गए 3084 लोगों को फिर बुलाया गया है।

बता दें कि जिले में 22 फरवरी से टीके का दूसरा डोज लगना शुरू हुआ। तब से अब तक चार दिन स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की दूसरी डोज दी गई। वैक्सीन का पहला डोज ले चुके स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरे डोज के लिए बुलाया जा रहा है। अब तक 9637 लोगों को बुलाया गया। पर वैक्सीनेशन सेंटर पर 6553 लोग ही पहुंचे।
ये हाल है कोरोना टीकाकरण का जिसके बारे में जानकारों का कहना है कि कोरोना जैसी वैश्वविक महामारी से निबटने के लिए टीकाकरण ही एक मात्र रास्ता है। वो लगातार इसके प्रमोशन की बात कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्यकर्मी ही टीकाकरण के लिए नहीं आ रहे।
टीकाकरण के लिए सभी अपेक्षित स्वास्थ्यकर्मियों के न आने के पीछे जो कारण बताया जा रहा है उसके मुताबिक स्वास्थ्य महकमा ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पहले चरण में कई स्वास्थ्यकर्मियों को बिना ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी किए ही वैक्सीन की डोज दे दी गई। इसके बाद ऑफलाइन रिकॉर्ड ऑनलाइन फीड न हो पाने के कारण ऐसे कर्मियों के लिए दूसरे डोज का मैसेज ही जनरेट नहीं हो पाया। टीकाकरण की रफ्तार धीमी होने का यह बड़ा कारण बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पहले चरण में करीब 17,500 स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। ऐसे में इतने ही स्वास्थ्यकर्मियो को दूसरी डोज भी दी जानी थी। लेकिन चार दिन के वैक्सीनेशन में महज 68 फीसद स्वास्थ्यकर्मी ही विभिन्न केंद्रों पर पहुंच सके। अब इन्हें 6 मार्च तक एक और मौका दिया जाएगा।
आम लोगों को कोविन पोर्टल-2 पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन

50 वर्ष और इससे अधिक उम्र वाले और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को टीकाकरण के लिए खुद रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए सभी को अपने मोबाइल पर कोविन पोर्टल-2 एप डाउनलोड करना होगा। इसमें खुद अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद उसे सरकारी और प्राइवेट अस्पताल का विकल्प चुनना होगा। सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क टीका लगेगा। वहीं निजी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से पैसे कटेंगे। जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं होगा, उन्हें नकद भुगतान करना होगा।
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