सरकारी स्कूलों में बच्चों की बीमारियों की अब होगी ‘पहचान’

हर छात्र का बनेगा हेल्थ कार्ड, शरुआत में ही बीमारी की होगी पहचान, अभी तक नहीं थी ऐसी परंपरा, स्कूल शिक्षा विभाग कर रहा तैयारी,अभी कि प्राइवेट स्कूलों में होती थी प्रक्रिया

जबलपुर।

सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को अब अपने बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता को लेकर परेशान नहीं होना पड़ेगा। बल्कि अब शिक्षा विभाग द्वारा खुद ही प्रत्येक बच्चे का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इस हेल्थ कार्ड में बच्चें की पूरी जानकारी दर्ज होगी। ता वहीं बच्चों की नियमित स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। दरअसल स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य को जांचने की यह पहल संभागीय संयुक्त संचालक के प्रयासों से की जा रही है। इस निर्णय को संभागायुक्त द्वारा भी सराहा गया। जिले के करीब 2260 स्कूलों में पढऩे वाले करीब 1 लाख 60 हजार बच्चों का हेल्थ कार्ड तैयार होगा।

स्कूलों में तैयार होगे कार्ड

स्कूलों में संकुल प्राचार्य के माध्यम से संकुल के अंतर्गत आने वाले स्कूलों के हेल्थ कार्ड शिक्षकों द्वारा तैयार किए जाएंगे। हेल्थ कार्ड का प्रोफार्मा एकसा तैयार होगा। जिसमें बच्चे का नाम, अभिभावक का नाम, उसकी उम्र, कक्षा, बीमारी की स्थिति, ब्लड ग्रुप, वजन, पता आदि की स्थिति होगी। इस कार्ड में ही स्वास्थ्य जांच की जानकारी दर्ज करनी होगी।

गंभीर बीमारी पर नि:शुल्क उपचार भी

विभागीय स्तर पर छात्र का कराया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग करेगा सहयोगइसकार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग की मदद ली जाएगी। शहरी क्षेत्र में जिला स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से हेल्थ कैम्प लगाए जाएंगे तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र में हेल्थ सेंटर के माध्यम से विकासखंड स्तर पर या स्कूली स्तर पर कैम्प का आयोजन किया जाएगा। इसपर कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

आंख, नाक, गला, दांत, त्वचा की जांच

बताया जाता है बच्चों की आंख, नाक, गला, दांत एवं त्वचा रोग की जांच की जाएगी। यदि किसी छात्र को लगातार खांसी होने की शिकायत होती है तो इसका चिन्हांकन किया जएगा। साथ बच्चे का वजन और लंबाई का भी समय-समय में दर्ज किया जाएगा। बीमारियों का चिन्हांकन किए जाने के बाद कलेक्टर के माध्यम से शिविर लगाकर बच्चों को उपचार की सुविध उपलब्ध कराई जाएगी।

-अच्छी पढ़ाई के लिए अच्छा स्वास्थ्य होना जरूरी है। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले अधिकांश बच्चों के परिवारों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती है न तो बेहतर इलाज मिल पाता है न दवाएं। हेल्थ कार्ड बनने से उनका नि:शुल्क चेकअप समय-समय पर हम करेंगे। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के सहयोग से इस पर काम किया जाएगा। प्राचार्यों को हेल्थ कार्ड बनाने के निर्देश जारी किए हैं।

-राजेश तिवारी, संभागीय संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा

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