केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते संबोधित करते हुए किसान बिल जब प्रस्तुत हुआ तो राहुल गांधी हाउस में नहीं थे। सरकार किसानों की बात सुनने तैयार है, लेकिन आंदोलन के 20 वें दिन तक भी कोई भी उनमें से आगे नहीं आया। तीनों बिलों में किए गए प्रावधान किसान कल्याणकारी हैं। प्रधानमंत्री ने किसान की चिंता कर उसकी आय बढ़ाने, उपज की सही कीमत दिलाने कानून में प्रावधान किया है। उत्पादन व उपार्जन में मप्र देश में न 1 है। किसी किसान को हताश होने की जरूरत नहीं है। देश में राजनीतिक दल केवल विरोध के लिए विरोध कर रह हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा बोले हर जीन्स की एमएससी में बढ़ोतरी की गई है, प्रदेश के किसानों को 10 हजार रुपये सम्मान निधि मिल रही है, किसानों से धोखाधड़ी नहीं हो सकती। आजादी के 75 साल बाद आज कोई सरकार किसान हित में काम कर रही है, देश के उद्योग पति अपने उत्पाद की कीमत तय करता है, भेड़ा घाट का मूर्तिकार अपनी बनाई मूर्ति की कीमत तय करता है किसान को भी अपनी उपज का अधिकार मिले यही तो प्रधानमंत्री मोदी किसान के लिए चाहते हैं। ये आजादी नए कृषि कानून किसान को देंगे। वह उस स्थान पर अपनी उपज बेंच सके, जहां सही कीमत मिले। दूसरा कानून कॉन्टेक्ट फॉर्मिंग के अवसर देगा।