नर्मदा किनारे के अतिक्रमणों को देखने तिलवाराघाट जाएंगे चीफ जस्टिस

जल्द ही तय होगी तारीख
 
 
 
मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल नर्मदा तट के अतिक्रमणों की स्थिति का स्वयं अवलोकन करेंगे। नर्मदा तट के प्रतिबंधित दायरे में अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए बुधवार को चीफ जस्टिस मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने कहा कि इस संबंध में तारीख जल्द तय की जाएगी।

<p>Jabalpur High Court </p>

जबलपुर.

मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल नर्मदा तट के अतिक्रमणों की स्थिति का स्वयं अवलोकन करेंगे। नर्मदा तट के प्रतिबंधित दायरे में अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए बुधवार को चीफ जस्टिस मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने कहा कि इस संबंध में तारीख जल्द तय की जाएगी। कोर्ट ने राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई १७ फरवरी को होगी।

 

प्रतिबंधित दायरे में निर्माण

 

नर्मदा मिशन जबलपुर की ओर से यह जनहित याचिका दायर कर जबलपुर के तिलवाराघाट में हो रहे कतिपय धार्मिक अवैध निर्माण होने का दावा कर इन्हें हटाने का आग्रह किया गया। इन निर्माणों को नर्मदा के इको जोन के लिए घातक बताया गया ।ं सरकार की ओर से पूर्व निर्देश के पालन में रिपोर्ट पेश कर बताया कि तिलवाराघाट तट के समीप हाईफ्लड-लेबल के तीन सौ मीटर दायरे के अंदर कुछ अवैध निर्माण पाए गए । विगत सुनवाईयों में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि प्रदेश स्तर पर नर्मदा किनारे हाईफ्लड लेवल के तीन सौ मीटर दायरे में जितने भी निर्माण किए गए हैं, उन्हें चिन्हित किया जाए। साथ ही जिला प्रशासन, ग्राम पंचायत व अन्य स्थानीय निकायों के अंतर्गत हुए इन अवैध निर्माणों को हटाए जाने के लिए गाइडलाइन बनाकर विधिवत सर्कुलर जारी किया जाए। कोर्ट ने कहा था कि इन अवैध निर्माणों को हटाने में किसी भी तरह का राजनीतकि हस्तक्षेप का प्रभाव नहीं होना चाहिए। बुधवार को याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विजय शंकर पांडे ने कोर्ट को दस्तावेज पेश कर अवैध निर्माणों की जानकारी दी। महाधिवक्ता शशांक शेखर व शासकीय अधिवक्ता हिमांशु मिश्रा ने अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा । आग्रह मंजूर कर कोर्ट ने सरकार को १७ फरवरी तक समय दे दिया।

पूर्व महाधिवक्ता आरएन सिंह का प्रस्ताव

 

सुनवाई के दौरान दयोदय ट्रस्ट की ओर से पक्ष रखते हुए पूर्व महाधिवक्ता आरएन सिंह ने चीफ जस्टिस मित्तल को कहा कि तिलवारा में उनकी ओर से अवैध निर्माण नहीं किए गए। चाहे तो कोर्ट स्वयं चलकर देख सकती है। इस पर चीफ जस्टिस ने ओपन कोर्ट में कहा कि हाल ही में वे डुमना गए थे। नर्मदा के तिलवाराघाट भी जाएंगे। महाधिवक्ता, याचिकाकर्ता के वकील व पूर्व महाधिवक्ता आरएन सिंह भी साथ होंगे। इसकी तारीख बाद में तय की जाएगी।

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