केंद्रीय औषधालय दो ने कोविड के बीच नीलामी कराकर पेंशनरों और मरीजों को डाले खतरे में

टोटल लॉकडाउन में शहर के कबाडि़यों को इक_ा कर कराई नीलामी की प्रक्रिया, कोरोना संक्रमण प्रोटोकाल का उल्लंघन, दहशत में रहे मरीज और परिसर के लोग, मरीजों को छोड़ नीलामी कराने में व्यवस्त रहा डिस्पेंस्री के चिकित्सक और स्टाफ

<p>Central dispensary two put pensioners and patients in danger by auctio,Central dispensary two put pensioners and patients in danger by auctio,Central dispensary two put pensioners and patients in danger by auctio</p>

जबलपुर।
शासकीय एवं केन्द्रीय कर्मचारियों की सीजीएचएस डिस्पेंसरी नं 2 आईबीएम कॉलोनी नव आदर्श नगर में कथित डिस्पेंसरी प्रबंधन ने आज सैकड़ों मरीजों को खतरे में डाल दिया। प्रबंधन ने ऑन ड्यूटी के दौरान जब सैकड़ों की संख्या में पेंशनर एवं मरीज चिकित्सकों को दिखाने एवं दवाईयां लेने के लिए पहुंचे थे, उसी दौरान सीजीएचएस डिस्पेंसरी प्रबंधन शहर भर के कबाडि़यों का जमघट लगाकर नीलामी प्रक्रिया में मशगूल रहा। डस्पेंसरी में ही मरीजों, पेंशनरों और आवासीय परिसर में भीड़ को इक_ा कर अस्प्ताल के चिकित्सक नीलामी की प्रक्रिया में जुटे रहे। टोटल लॉकडाउन के बीच डिस्पेंसरी में इक_े हुए शहर के तमाम कबाड़ी कोरोना प्रोटोकाल का उल्लघंन करते रहे वहीं अस्पताल प्रबंधन भी इनके साथ में नीलामी कराने में व्यस्त रहा। एेसे में कोरोना संक्रमण फैलने के डर से पूरे समय इलाज कराने आए लोग डरे, सहमें रहे। प्रबंधन की इस प्रक्रिया को लेकर लोगों के कोरोना पॉजीटिव होने का खतरा भी बना रहा और उन्होंने नाराजगी भी जताई लेकिन प्रबंधन ने अनसुना कर दिया। बताया जाता है केंद्रीय औषधालय क्रमांक-२ आईबीएम कॉलोनी में पुरानी खराब सामग्री को बेचने के लिए यह मरीजों के उपचार के दौरान सुबह ११ बजे से नीलामी की प्रक्रिया आयोजित की गई थी वह भी डिस्पेंसरी और आवासीय परिसर के अंदर जहां कई परिवार रहते हैं। लोगों का कहना था कि अवकाश के दिन या मरीजों को देखने के बाद की जा सकती थी।

बड़ी लापरवाही
एकतरफ कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए १५ अप्रैल से टोटल लॉकडाउन शहर में कर दिया गया है। तमाम कार्यालयों को बंद कर दिया गया है। आवश्यक सेवाएं ही संचालित की जा रहीं हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते हुए नीलामी की प्रक्रिया आयोजित कराई गई। कई लोग मास्क पहने थे तो कई नहीं। डिस्पेंसरी के कर्मचारी खुद नीलामी में लगा रहे बोली को रजिस्ट्रर के पन्नों में लिखने और देखने में व्यवस्त रहे। यहां मरीज डॉक्टरों और कर्मचारियों के आने के इंतजार में घंटो खड़े रहे।

स्थानीय निवासी, पेंशनरों में नाराजगी
अस्पताल पं्रबंधन की इस बड़ी लापरवाही को लेकर कैम्पस में रहने वाले स्थानीय लोगों कड़ी आपत्ति दर्ज की तो वहीं डिस्पेंसरी इलाज कराने के लिए पहुंचे पेंशनरों, केंद्रीय कर्मचारियों ने विरोध जताया। एआई बीएसएनएल पेंशनर एसोसिएशन के जिला सचिव केएल जाट, केके पाराशर, एए खान, एसवी रनाडे ने कहा कि गैर जिम्मेदाराना यह घोर लापरवाही है। डिस्पेंसरी के चिकित्सकों, प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यदि कोई पेंशनर इस बीच संक्रमित होता है तो इसकी जवाबादारी डिस्पेंसरी प्रबंधन की होगी। इस संबंध में उच्चाधिकारियों से शिकायत की जाएगी।

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