Breaking जिस रूट पर हर 10 मिनट में चलती थीं बसें, वहां अब घंटों का इंतजार

बस ऑपरेटर्स की मनमानी से बिगड़ रहे हालात

<p>अनलॉक के बाद भी बस संचालन में हो रहे घाटे के चलते संचालकों ने खींचे हाथ, बसों की बजाय निजी वाहनों का हो रहा उपयोग &#8230;</p>
जबलपुर. कोरोना संकट काल से पहले जिन रूटों पर प्रत्येक दस और 15 मिनट में एक बस चला करती थी, उस रूट पर वर्तमान में यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इसका कारण है बस ऑपरेटर्स की मनमानी। यात्री संख्या बढऩे के बाद भी ऑपरेटर्स बसों की संख्या नहीं बढ़ा रहे हैं। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। बसों का संचालन नहीं होने पर बस ऑपरेटर्स ने आरटीओ में परमिट सरेंडर कर दिए थे। बसों का संचालन शुरू करने की बात आई तो सभी ने परमिट वापस ले लिए, इसके बावजूद बसों का संचालन नहीं हो रहा है।
सामान्य दिनों में स्थिति
– 800 बसों का संचालन होता था प्रतिदिन
– 40 हजार लोग करते थे सफर
वर्तमान स्थिति
– 25 बसों का हो रहा संचालन
– 05 हजार यात्री कर रहे सफर
इन रूट्स पर नहीं चल रही बसें
वर्तमान में जबलपुर-नागपुर-जबलपुर, जबलपुर-बालाघट-जबलपुर रूट पर एक भी बस नहीं चल रही है। जिन रूट्स पर बसें चल रही हैं, वहां भी संख्या कम होने के कारण यात्रियों को निजी टैक्सी से आवागमन करना पड़ रहा है।
विभिन्न रूट्स पर बसें
जबलपुर-डिंडोरी : 07
जबलपुर-अमरकंटक : 01
जबलपुर-बघराजी : 01
जबलपुर-मंडला : 02
जबलपुर-दमोह : 03
जबलपुर-सागर : 03
जबलपुर-छतरपुर : 02
जबलपुर-इंदौर : 04
चरगवां-गोटेगांव : 02
सामान्य दिनों में विभिन्न रूट्स पर बसें
जबलपुर-मंडला : 50
जबलपुर-डिंडोरी : 40
जबलपुर-छिंदवाड़ा : 40
जबलपुर-सागर : 50
जबलपुर-कटनी : 50
जबलपुर-दमोह : 30
जबलपुर-इंदौर : 06
जबलपुर-नागपुर : 35
जबलपुर-रायपुर : 06
जबलपुर-सिवनी : 35
जबलपुर-भोपाल : 04
इन रूट्स पर बढ़ा ट्रैफिक
पिछले कुछ दिनों से जबलपुर-डिंडोरी-जबलपुर, जबलपुर-कटनी-जबलपुर और जबलपुर-मंडला-जबलपुर रूट पर बसें भरी हुई चल रही हैं, इसके बावजूद ऑपरेटर्स बसों की संख्या नहीं बढ़ा रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा परेशानी श्रमिकों और मजदूरों को हो रही है।
…वर्जन…
बसों की संख्या बढ़ाने के लिए ऑपरेटर्स से लगातार बातचीत की जा रही है। सभी परमिट लौटा दिए गए हैं। आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।
संतोष पॉल, आरटीओ
शहर से 800 बसों का संचालन होता है। अभी विभिन्न रूट पर 25 से 30 बसें चलाई जा रही हैं। यात्री संख्या बढऩे पर बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
नसीम बेग, कोषाध्यक्ष, आईएसबीटी, बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन
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