विशेष न्यायाधीश संगीता यादव की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी स्मृतिलता बरकड़े ने पक्ष रखा। उन्होंने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए दलील दी कि रात्रि 12 बजे नाबालिग अपने कमरे में सोने चली गई थी। अगले दिन सुबह वह कमरे में नहीं मिली तो पीड़ित के परिजनों ने खोजबीन की। आसपास और रिश्तेदारों के यहां पता लगाया पर उसका कहीं कोई पता नहीं चला। ऐसे में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि संदीप नामक युवक नाबालिग को बहला-फुसलाकर कहीं ले गया था। उसने अपनी बातों में फंसाकर दुष्कर्म किया।
पूछताछ में ही पता चला कि नाबालिग एक पार्लर में काम सीखने जाती थी। इसी दौरान एक मंदिर के पास आरोपी से मुलाकात हुई थी, तब से वह बातों में फंसाने लगा था। मामला गंभीर है, अत: जमानत आवेदन खारिज कर देना चाहिए।
विशेष न्यायाधीश संगीता यादव की अदालत ने अभियोजन पक्ष से सहमत होते हुए तल्ख टिप्पणी करते हुए आरोपी जबलपुर निवासी संदीप कुमार की जमानत अर्जी खारिज कर दी। यही नहीं विशेष न्यायाधीश संगीता यादव की अदालत ने नाबालिग को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपी संजय कुमार की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी। अभियोजन की ओर से अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी स्मृतिलता बरकड़े ने आवेदन का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि 17 जनवरी 2020 को 16 वर्ष 6 माह की नाबालिग रात्रि 11 बजे खाना खाकर सो गई थी। रात्रि तीन बजे उसे बिस्तर में न पाकर परिजन परेशान हो गए। आसपास तलाश शुरू की। रिश्तेदारों के यहां भी कोई जानकारी नहीं मिली। ऐसे में वो थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराई।
भेड़ाघाट पुलिस ने शिकायत दर्ज करके पूछताछ शुरू की। इस दौरान पता चला कि नटवारा, शहपुरा निवासी संजय एक बार ट्रैक्टर चलाने आया था। तभी उसकी नाबालिग से जान-पहचान हो गई थी। उसने शादी का झांसा दिया और नाबालिग को भगाकर मैहर ले गया। वहां मांग में सिंदूर भरकर भोपाल और राजस्थान ले गया। उसने कई बार दुष्कर्म किया। इससे नाबालिग गर्भवती भी हो गई।