धोखाधड़ी के आरोपी की जममानत अर्जी खारिज

-अधिवक्ता संग लाखों की धोखाधड़ी का है आरोप

<p>अदालत का फैसला (प्रतीकात्मक फोटो)</p>
जबलपुर. धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार शातिर ठग की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने खारिज कर दिया है। ठग पर एक अधिवक्ता संग लाखों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।
मामला जबलपुर निवासी अधिवक्ता अशोक कुमार मिश्रा के साथ महिला बिल्डर गीता सिंह रावत द्वारा 55 लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोप से संबंधित है। इसी मामले में राम प्रसाद को सह आरोपित बनाया गया है। पुलिस ने धारा-420 सहित अन्य के तहत अपराध कायम किया है। इस मामले में तीसरा सह आरोपित रामदास पटैल को बनाया गया है, जिसकी गिरफ्तारी शेष है। पूर्व में मुख्य आरोपित की जमानत अर्जी सेशन कोर्ट व हाई कोर्ट से खारिज हो चुकी है।
आरोप है कि जबलपुर निवासी अशोक कुमार मिश्रा को धोखा दे कर आरोपी ने 55 लाक रुपये की धोखाधड़ी की। उस पर भेड़ाघाट थाने की पुलिस ने पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जांच करने के बाद धारा-420 सहित अन्य संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज किया। आवेदनकर्ता का आरोप है किअभियुक्तों राम प्रसाद पटैल, रामदास पटैल के साथ मिलकर साजिश पूर्वक छल किया है। इन सभी के खिलाफ विभिन्न थानों में पहले से भी कई मामले दर्ज हैं। इससे साफ है कि ये सभी आदतन अपराधी हैं। इस परिवार से एक सदस्य उत्तर प्रदेश में और दूसरा जबलपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। जबकि आवेदिका की बड़ी बहन बहुचर्चित देना बैंक डकैती मामले में सजायाफ्ता है। ऐसे में यदि आवेदिका को अग्रिम जमानत का लाभ दिया गया तो समाज में गलत संदेश जाएगा। अदालत ने सभी बिंदुओं पर गौर करने के बाद अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया था।
अपर सत्र न्यायाधीश कविता दीप खरे की अदालत ने जबलपुर के अधिवक्ता से 55 लाख रुपये की धोखाधड़ी के सह आरोपित राम प्रसाद पटैल की दूसरी जमानत अर्जी खारिज कर दी। इससे पूर्व प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी बलवीर सिंह धाकड़ की अदालत ने सोमवार, 23 नवंबर को भेड़ाघाट पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर पेश किए गए किसान राम प्रसाद पटैल को 4 दिसंबर तक की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था।
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