पांच स्टार-38 चार स्टार-878 थ्री स्टार-1328 दो स्टार-292 एक स्टार-75 …… जिला-एक स्टार-दो स्टार-एक और दो स्टार बालाघाट-120-255-375 छिंदवाड़ा-135-470-605 डिंडौरी-144-304-448 जबलपुर-61-212-273 कटनी-98-267-365 मंडला-168-427-595
नरसिंहपुर-78-271-349 सिवनी-266-663-929 ….. मयंक साहू @ जबलपुर. जब हम खुद अपने घर के शौचालयों को मिलकर साफ कर सकते हैं तो फिर हम अपने स्कूल के शौचालयों को क्यों नहीं कर सकते..। कुछ इसी जज्बे के साथ मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी अभियान के तहत शुरूआत की गई एक छोटी सी मुहिम आज रंग लाई। जबलपुर के एक दर्जन स्कूलों को मोटीवेट कर शौचालय साफ करने की हुई शुरुआत संभाग के आठ जिलों तक जा पहुंची। इच्छाशक्ति के बल पर आज जबलपुर संभाग के 3 हजार 939 स्कूलों में शिक्षक और छात्र मिलकर खुद शौचालयों की सफाई कर रहे हैं। इन स्कूलों के शौचालयों को और बेहतरीन बनाकर अब 26 सौ से अधिक स्कूलों को स्टार श्रेणी दी गई है। स्कूल के प्राचार्य से लेकर शिक्षकों ने नियमित सफाई के लिए प्रतिदिन का समय तय किया है।
9 हजार स्कूलों नें की शुरुआत जानकारों के अनुसार जबलपुर संभाग में 20 हजार 517 स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों में से 9 हजार 800 स्कूलों में स्वच्छ विद्यालय के तहत स्कूलों के शौचालयों को साफ करने का बीड़ा उठाया। इन स्कूलों में भी सफाई को लेकर मार्किंग की गई। जिसमें संभाग के 3 हजार 939 में शौचालयों को नियमित सफाई शुरू हुई। इसमें से करीब 28सौ से अधिक स्कूलों को दो स्टार श्रेणी से नवाजा गया है। इस तरह एक से लेकर पांच स्टार तक स्कूलों को दिए गए हैं।
ऐसे हुई शुरुआत, यूनिसेफ से कराया सर्वे मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी के तहत 27 मई 2019 से मुहिम के माध्यम से तत्कालीन संभागायुक्त राजेश बहुगुणा एवं वर्तमान संभागीय संयुक्त संचालक राजेश तिवारी द्वारा संभाग का दौरा कर स्कूलों को प्रोत्साहित किया गया। 9 हजार स्कूलों को यूनिसेफ एवं स्वच्छ भारत अभियान के तहत सर्वे कराया गया। 66 फीसदी स्कूलों का सर्वे कर स्कूल शिक्षा विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
26़11 स्कूलों को मिली स्टार श्रेणी स्कूलों के शौचालयों की सफाई को लेकर स्टार श्रेणी से हाल ही में इन स्कूलों को नवाजा गया है। 1 स्टार से लेकर 5 स्टार तक दिए गए हैं। जबलपुर संभाग के 2611 स्कूलों को स्टार श्रेणी के स्कूलों में शामिल किया गया है। सबसे ज्यादा तीन स्टार प्राप्त करने में स्कूल सपल हो सके हैं।
-बच्चों में स्वच्छता को अपनाने के लिए लगातार प्रयास किए गए। प्राचार्यों बच्चों को मोटीवेट किया गया। आज हमारे 26 सौ से अधिक स्कूलों ने स्वच्छता में मिशाल कायम कर इन्हें स्टार रैंकिंग से नवाजा गया है। हमारी कोशिश है कि सभी स्कूलों को चार से पांच श्रेणी में लाया जाए।
-राजेश तिवारी, संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा