अब तक चल रहा असेंबलिंग का काम
स्कूल आने वाले सभी छात्रों को पहले ही दिन साइकिल मिल जाए, ताकि वह साइकिल से स्कूल आए। इसके लिए कंपनी से लक्ष्य से काफी ज्यादा मात्रा में साइकिल सिहोरा विकासखंड मुख्यालय में मंगवाई गईं। करीब एक सप्ताह पहले आईं साइकिलों की असेंबलिंग का काम अब भी चल रहा है। ऐसे में स्कूली छात्र-छात्राओं को साइकिल कब मिलेंगी, यह कहना मुश्किल है।
यह है नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना
मप्र शासन द्वारा कक्षा छठवीं और नवमी में दर्ज पात्र बालक और बालिकाओं को उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए नि:शुल्क साइकिल उपलब्ध कराई जाती है। नि:शुल्क साइकिल योजना का लाभ समस्त वर्गों की ऐसी समस्त बालिकाओं और बालकों को मिलता है। जिनके ग्राम में माध्यमिक शिक्षा सुविधा उपलब्ध नहीं है, जो अन्य ग्राम में जाकर शासकीय शालाओं में कक्षा छठवीं और नवमी में प्रवेश लेकर अध्ययन करते हंै।
खास खास
-पिछले वर्ष जनवरी माह तक सिर्फ 545 छात्र-छात्राओं को वितरण हो पाई थी साइकिलें।
-गत वर्ष विकासखंड में 18 सौ छात्र-छात्राओं का लक्ष हुआ था निर्धारित
-इस वर्ष कब तक वितरित हो पाएंगी साइकिलें इसके लिए कोई तैयारी नहीं।
-दो दर्जन से अधिक स्कूल ऐसे हैं, जहां पर छात्र-छात्राएं दूरदराज से माध्यमिक और हाईस्कूल में पढऩे के लिए पहुंचती हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार स्कूल चलें हम अभियान की शुरुआत के साथ ही साइकिलों का वितरण होना था, लेकिन सम्बंधित ठेकेदार द्वारा एक सप्ताह पहले ही साइकिलें भेजी गई हैं, जिन्हें कसने का काम चल रहा है, जैसे ही साइकिलें हैंडओवर हो जाएंगी, वितरण का काम शुरू कर दिया जाएगा।
आरपी चतुर्वेदी, जिला शिक्षा केंद्र समन्वयक