जानिए आखिर क्यों ट्रेन के आते ही इस स्टेशन पर लग रही है बंदरों की भीड़ ?

स्टेशन पर किसी भी ट्रेन के रुकते ही प्लेटफॉर्म पर उतर आते हैं कई बंदर और ट्रेन के जाते ही हो जाते हैं ‘गायब’..

इटारसी. मध्यप्रदेश के इटारसी रेलवे स्टेशन पर इन दिनों बड़ी संख्या में बंदर दिखाई पड़ रहे हैं। स्टेशन पर जब भी कोई ट्रेन आकर रुकती है तो बंदर प्लेटफॉर्म पर पहुंच जाते हैं और जैसे ही ट्रेन स्टेशन से रवाना हो जाती है तो ये बंदर भी अपने आप प्लेटफॉर्म से निकल जाते हैं। एक बंदर तो ट्रेन के कोच की खिड़की पर जाकर बैठ गया।

स्टेशन तक खींच लाती है बेजुबान बंदरों को पेट की भूख
इटारसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के आते ही बंदरों के जुटने की घटना की जब पड़ताल की तो सामने आया है कि बेजुबान बंदरों की भूख उन्हें स्टेशन पर खींच लाती है। ट्रेन के आते ही बंदर प्लेटफॉर्म पर इस उम्मीद के साथ जमा हो जाते हैं कि शायद उन्हें यात्रियों से कुछ खाने के लिए मिल जाएगा। यात्रियों का बचा हुआ खाना भी बंदर भी खा जाते हैं। और फिर जैसे ही ट्रेन स्टेशन रवाना होती है तो ये बंदर भी वहां से निकल जाते हैं।

 

कोच की खिड़की पर आकर बैठ गया बंदर
ऐसा ही एक नजारा उस वक्त देखने को मिला जब गाड़ी क्रमांक 02295 संघमित्रा एक्सप्रेस इटारसी स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर आकर रुकी। तभी बंदर भोजन की तलाश में प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए और इस दौरान एक बंदर तो ट्रेन के कोच की खिड़की पर जाकर बैठ गया और ट्रैन में मौजूद यात्रियों से भोजन की डिमांड की। यात्रियों ने भी बेजुबान बंदर की पीड़ा समझी और उसे अपने पास से कुछ खाने के लिए दिया। सीएनडब्लू क्लीनिंग स्टाफ अमन तायड़े ने बताया है कि आए दिन बंदर भोजन की तलाश में प्लेटफार्म पर आ जाते हैं। भोजन करने के बाद वे वापिस जंगल की तरफ लौट जाते हैं, यात्रियों को भी भोजन कराने में उन्हें अच्छा लगता है। कई बंदर तो यात्रियों के भोजन को देख उनके पास से खाने के बैग छीन कर भाग भी जाते हैं ऐसे में यात्री डर और घबरा जाते हैं।

कोरोना काल के चलते नहीं मिल पा रहा खाना
बता दें कि कोरोना के चलते होटल्स और ढाबे बंद हो गए हैं इसलिए बंदरों को खाना नहीं मिल पा रहा है। वहीं कोरोना के डर से सड़कों से भी लोग कम यात्रा कर रहे हैं ऐसे में भी बंदरों को खाने की दिक्कत हो रही है। पहले सामान्य दिनों में होटल्स और ढाबों के साथ ही दूसरी दुकानों से भी बंदरों को कुछ न कुछ खाने के लिए मिल जाता था। लेकिन अब जब सब बंद पड़े हैं तो ऐसे में बंदरों को खाना नहीं मिल पा रहा है और वो पेट भरने के लिए स्टेशन तक पहुंच गए हैं।

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